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निगम का नेता होगा बरखास्त!
मुजफ्फरपुर : नगर निगम में तबादले को लेकर शुरू हुआ विवाद हत्या की धमकी और बरखास्तगी तक पहुंच गया है. शुक्रवार को ये मामला काफी गरम रहा. नगर निगम कर्मचारी संघ के नेता ने एक अन्य कर्मचारी पर हत्या की धमकी का आरोप लगाया और इसकी शिकायत एसएसपी से की, तो दूसरी ओर उक्त कर्मचारी […]
मुजफ्फरपुर : नगर निगम में तबादले को लेकर शुरू हुआ विवाद हत्या की धमकी और बरखास्तगी तक पहुंच गया है. शुक्रवार को ये मामला काफी गरम रहा. नगर निगम कर्मचारी संघ के नेता ने एक अन्य कर्मचारी पर हत्या की धमकी का आरोप लगाया और इसकी शिकायत एसएसपी से की, तो दूसरी ओर उक्त कर्मचारी नेता की बरखास्तगी की अनुशंसा मेयर की ओर से की गयी है.
इससे संबंधित निर्देश नगर आयुक्त को दिया गया है. मेयर का कहना है कि उक्त नेता ने निगम कार्यालय में तालाबंदी व अफवाह फैलाने का काम किया है. इसलिए उस पर कार्रवाई होनी चाहिये.
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार के दिन तबादलों से नाराज नगर निगम कामगार यूनियन के महासचिव रामेश्वर राय ने अपने साथियों के साथ प्रदर्शन किया था. इस दौरान निगम के कार्यालयों में तालाबंदी की कोशिश की गयी थी. ये बात चल ही रही थी कि शनिवार की सुबह रामेश्वर राय ने कहा कि पेशकार आलोक वर्मा की ओर से उन्हें रात में हत्या की धमकी दी गयी है. इसको लेकर उन्होंने एसएसपी व नगर निगम प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगायी. वहीं, पेशकार आलोक वर्मा की ओर से कहा गया कि आरोप बेबुनियाद हैं.
ये बात चल ही रही थी. इसी बीच सबसे बड़ी खबर मेयर वर्षा सिंह की ओर से आयी. उनकी ओर से निर्देश जारी किया गया कि कर्मचारी संघ के नेता रामेश्वर राय ने अराजकता का माहौल पैदा करने की कोशिश की है.
उन्होंने निगम में तालाबंदी व अफवाह फैलाने का भी काम किया है. इस वजह से अब उन्हें पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. मेयर ने रामेश्वर राय की बरखास्तगी का निर्देश नगर आयुक्त को दिया और उसमें लिखी कि इससे संबंधित प्रस्ताव आनेवाली सशक्त स्थायी समिति की बैठक में लाया जाये.
मेयर की ओर से जारी निर्देश के बाद निगम का माहौल और गरमा गया. कर्मचारी संघ से जुड़े नेताओं ने कहा कि मेयर का यह कदम कर्मियों की मांग को कार्रवाई का भय दिखा कुचलने की कोशिश है.
हालांकि, रामेश्वर राय ने कहा कि मेयर ने मुझे जिस मुद्दे के लिए दोषी माना है, इसके लिए मैं उनसे बातचीत करूंगा. नगर आयुक्त वार्ता का समय देकर छुट्टी पर चले गये, इससे कर्मचारी आक्रोशित थे. इसलिए ऑफिस में तालाबंदी कर काम का बहिष्कार किया.
कर्मियों को समय पर वेतन मिल रहा है. फिर भी काम में कोताही व काम का बहिष्कार ठीक नहीं है. नगर आयुक्त ने यदि बेहतर काम करने वाले कर्मियों का तबादला किया, तो मैंने इसका विरोध कर तबादला रोकवाया. फिर निगम में तालाबंदी व काम का बहिष्कार किस बात के लिए किया गया. ऐसा करने वाले किसी भी कर्मचारी को नहीं छोड़ा जायेगा.
वर्षा सिंह, मेयर नगर निगम
रामेश्वर राय ने मेरे ऊपर हत्या करने की धमकी देने का जो आरोप लगाया है, वह गलत है. एक साजिश के तहत आरोप लगाया गया है. मैं अपने काम में व्यस्त रहता हूं. रामेश्वर राय ही मुझे हमेशा ऑफिस कार्य करने में बाधा उत्पन्न करने का काम करते हैं.
आलोक वर्मा, पेशकार, नगर निगम
आलोक वर्मा व रामेश्वर राय का यह व्यक्तिगत मामला है.धमकी देने व मारपीट करने का जो आरोप कोई लगा रहा है, इसकी शिकायत पुलिस में करेंे. नगर निगम को इससे कोई मतलब नहीं है. निगम में यदि इस मुद्दे को लेकर हल्ला -हंगामा होता है, तो हम दोनों कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे.
रमेश प्रसाद रंजन, नगर आयुक्त, नगर निगम
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