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… न हो आबिद की तरह कैद कोई बादशाह न हो

… न हो आबिद की तरह कैद कोई बादशाह न होइमाम हुसैन के बेटे सज्जाद की याद में मजलिस का आयोजनशिया समुदाय ने निकाला जुलूस, किया मातम वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . इमाम हुसैन के बेटे सज्जाद की याद में रविवार को कमरा मुहल्ला स्स्थित इमामबाड़ा में मजलिस का आयोजन किया गया. इस मौके पर जलालपुर […]

… न हो आबिद की तरह कैद कोई बादशाह न होइमाम हुसैन के बेटे सज्जाद की याद में मजलिस का आयोजनशिया समुदाय ने निकाला जुलूस, किया मातम वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर . इमाम हुसैन के बेटे सज्जाद की याद में रविवार को कमरा मुहल्ला स्स्थित इमामबाड़ा में मजलिस का आयोजन किया गया. इस मौके पर जलालपुर से आये मौलाना डॉ रइस जलालपुरी ने कहा कि करबला में हक व बातिल की लड़ाई थी. इमाम हुसैन को करबला में 10 मुहर्रम को शहीद कर दिया गया. उनके बेटे सज्जाद को 11 मुहर्रम को कैद कर शाम ले जाया गया. वहां से वे तीन साल बाद छूटे. उसके 40 वर्ष बाद मदीना के बादशाह अब्दुल मालिक ने उन्हें जहर देकर हत्या कर दी. इस मौके पर अंजुमने जाफरिया की ओर से जुलूस निकाला गया, जो कमरा मुहल्ला से इमाम चौक तक पहुंची. कार्यक्रम में सादाबे जलालपुरी, रिजवान जलालपुरी ने नोहा पढ़ा. लोग या रब मुसाफिरों पर कोई यूं जफा न हो, न हो आबिद की तरह कैद कोई बादशाह न हो नोहा पर मातम करने लगे. नोहाखानी में हसन चक बंगरा के अंजुमने हाशमिया, कारवाने केसा व अंजुमने हैदरी की भागीदारी रही.

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