मुजफ्फरपुर: मानसिक रोगियों की सेहत में सुधार व अंधविश्वास को दूर करने के लिए भारत सरकार ने पहल की है. राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य प्रोग्राम के तहत मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण की आधारभूत संरचना को विकसित किया जायेगा़ इसके लिए बिहार के सभी जिलों में मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक एवं स्टाफ नर्स की तैनाती होगी़.
जिला स्तर पर नियुक्त चिकित्सक सभी स्वास्थ्य कर्मियों एवं डाॅक्टरों को प्रशिक्षित करेंगे. प्रशिक्षित डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारी गांव-गांव जाकर मानसिक रोग के कारण, लक्षण व बचाव के बारे में लोगों को जानकारी देंगे. इसके लिए भारत सरकार धन मुहैया करायेगी. भारत सरकार की पहल के बाद विशेष कार्य पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग बिहार, पटना ने मेडिकल काॅलेज के सभी प्राचार्यों को पत्र भेजकर केंद्रीय मदद प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव मांगा है़ बिहार में मानसिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण की आधारभूत संरचना को विकसित किया जाना है. इस प्रोग्राम के तहत सभी जिलों में दस बेड का अस्पताल व पीएचसी स्तर पर दवा उपलब्ध करायी जायेगी़
एसकेएमसीएच में मनोरोग विभाग के सह-प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ आइडी सिंह ने बताया कि अभी तक मानसिक रोग के कारणों के बारे में पूर्णत: पता नहीं चल पाया है़ शोध में पता चलता है कि आनुवंशिक घटक इसका संभावित कारण हो सकता है. नशीले पदार्थों का सेवन एवं गर्भावस्था के दौरान कुछ दवाओं के अनुचित प्रयोग, लंबे समय तक तनाव में रहने से मानसिक रोग हो सकता है़ अंधविश्वास मानसिक रोग का कारण नहीं है़
मानसिक रोग के लक्षण: उदास रहना, बात-बात में गुस्सा आना, ज्यादा उत्तेजित होना, बहुत खुश रहना, कम नींद आना, घुटन महसूस करना आदि.
बचाव के उपाय : नियमित दिनचर्या, संतुलित भोजन, समुचित नींद, व्यायाम, नशीले पदार्थों के सेवन से परहेज, तनाव मुक्त रहना आदि मानसिक रोग से बचाव करते हैं.