मुजफ्फरपुर: कम समय में अधिक धन बढ़ोतरी का लालच देकर जिले में संचालित करीब तीन दर्जन कंपनियां अनपढ़ व ग्रामीण लोगों को अपने शिकंजे में फंसा रही है. आरबीआइ के बैंकिंग नियम-कानून से बिलकुल अनजान रहने वाले हजारों लोग अपनी गाढी कमाई व आभूषण बेच कर भी इन कंपनियों में मोटी रकम निवेश कर चुके है.
ऐसे कंपनियों का जाल शहर से लेकर ग्रामीण इलाके तक फैला है. प्रशासन के मुताबिक, मोतीपुर में कोलकत्ता वायर इंडिया लिमिटेड, सरैया में रमेला ग्रुप एंड कंपनी, साहेबगंज में अमृत प्रोजेक्ट के अलावा शहर के केदारनाथ रोड स्थित एलसीआइ फाइनेंसियल लिमिटेड, जीरोमाइल सीतामढ़ी रोड के चौधरी मार्केट में आडियल फाइनेंस लिमिटेड, माड़ीपुर में महुआ फाइनेंस लिमिटेड कंपनियां काम रही है. ये कंपनियां बगैर आरबीआइ व सेबी के लाइसेंस के चल रही है. जानकारी प्रशासन को मिलते ही जांच टीम का गठन हो गया है.
14 सालों में डिबेंचर बेच जमा राशि को दस गुना करने के स्कीम से शक के घेरे में आयी कोलकत्ता की ग्रीन टच प्रोजेक्ट लिमिटेड कंपनी के बाद इस तरह की कई कंपनियों के जिले में काम करने का खुलासा हुआ है. इसके बाद इन कंपनियों के दफ्तर की तलाश में जिला प्रशासन जुट गया है. हालांकि, अघोरिया बाजार, माड़ीपुर व भगवानपुर में अपनी शाखा खोल लोगों से राशि निवेश करा रही कोलकत्ता व झारखंड की कई फाइनेंसियल कंपनियां कार्यालय बंद कर फरार है. सरैया स्थित ग्रीन टच के शाखा में भी 11 बजे के बाद ताला लटका रहा. इन कंपनियों के फरार होने से करोड़ों रुपया का चूना लगने की उम्मीदे है.
चेक के बदले कैश जमा कर फर्जीवाड़ा
चंद्रलोक चौक स्थित ग्रीन टच कंपनी के दफ्तर में हुई छापेमारी के दौरान जब्त किये गये कागजों की हुई जांच में बड़े पैमाने पर अनियमितता उजागर हुआ है. जांच टीम डीएम अनुपम कुमार को सौंपने के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है. तैयार रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी को डिबेंचर के लिए चेक व बैंक ड्राफ्ट से राशि लेना था, लेकिन कंपनी ने 20 हजार रुपया तक कैश जमा किया. इसके बदले कोई कैश बुक नहीं मिला. साथ ही मुजफ्फरपुर जिला में कंपनी को शाखा खोलने से संबंधित कोई भी लाइसेंस प्राप्त नहीं है. हालांकि, सोमवार को कंपनी के हेड ऑफिस से अधिकारी पहुंच जांच टीम द्वारा मांगे गये कागजातों को प्रस्तुत किया है. जांच टीम में शामिल अधिकारी बताते हैं कि प्रारंभिक जांच में कंपनी की ओर से पब्लिक से पैसा जमा कराने का तरीका गलत पाया गया है.
पेड़ लगा सात साल में राशि होता है ढ़ाई गुना
सुसार्थी भारत प्लांटेशन लेविस लिमिटेड लोगों के वसूले गये पैसे से पश्चिम बंगाल में पेड़ लगा कर सात वर्ष में पैसे को ढ़ाई गुणा करती है. कुढ़नी स्टेशन रोड में इसका ब्रांच है. ब्रांच में 1200 से अधिक लोगों का खाता खुला है. सुसार्थी में करीब प्रति माह ढ़ाई से तीन लाख का बिजनेस एजेंट के माध्यम से होता है.
इस एवज में एजेंट को नौ प्रतिशत कमीशन दिया जाता है. पूछने पर सीनियर स्टाफ राजकुमार ने बताया कि सुसार्थी आरओसी के आधार पर काम करती है. इसमें दो प्रकार का स्कीम हैं. पहला मासिक व दूसरा वन टाइम पेमेंट. मासिक स्कीम में रोज वसूली होती है. लेकिन एक माह के जमा पैसे का एक बार ही रसीद दी जाती है.
दूसरे स्कीम वन टाइम पेमेंट में खाताधारियों को एक बार पैसा देना पड़ता है. दोनों स्कीम में जमा किये गये पैसे से पश्चिम बंगाल में पेड़ लगाया जाता है. पेड़ के मूल्यांकन के आधार पर सात साल में ढ़ाई गुणा पैसा किया जाता है. 1080 रु पये प्रति यूनिट लेकर ग्राहक बनाया जाता है. 20 जनवरी 2012 से यहां ब्रांच चल रही है.