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देश के 35 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में मुजफ्फरपुर भी शामिल
मुजफ्फरपुर :वामपंथी उग्रवाद के पूरी तरह चपेट में आ चुके देश के 35 जिलों में मुजफ्फरपुर सहित बिहार के छह जिले शामिल है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजकर इनकी गतिविधियाें से सचेत रहते हुए प्रभावित जिलों में एकीकृत योजना के तहत सुरक्षा व विकास […]
मुजफ्फरपुर :वामपंथी उग्रवाद के पूरी तरह चपेट में आ चुके देश के 35 जिलों में मुजफ्फरपुर सहित बिहार के छह जिले शामिल है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसके लिए राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजकर इनकी गतिविधियाें से सचेत रहते हुए प्रभावित जिलों में एकीकृत योजना के तहत सुरक्षा व विकास के लिए कार्यक्रम चलाने को कहा है. साथ ही केंद्रीय सुरक्षा बल व खुफिया विभाग की तैनाती व स्थानीय पुलिस की बेहतरी व आधुनिकीकरण के लिए आर्थिक सहयोग देने को भी कहा गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव मुकेश मित्तल ने प्रधान सचिव गृह विभाग, बिहार को वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित छह जिलों के प्रति सचेत रहने को कहा है. इसमें मुजफ्फरपुर के साथ ही औरंगाबाद, गया, जमुइ, बांका व नवादा भी शामिल है. गृह मंत्रालय ने इन जिलों में सामाजिक व आर्थिक विकास की योजनाएं तैयार कर उसके प्रभावी क्रियान्वयन को कहा है. साथ ही प्रभावी न्याय व्यवस्था, पारदर्शी प्रशासन, भूमि दस्तावेजों के कंप्यूटीकरण व प्रभावी प्रबंधन पर भी जोर देने को कहा है.
गृह विभाग ने प्रभावित जिलों विकास के लिए विभिन्न योजनाओं की रिपोर्ट मांगी है. इसमें सड़क व सेतु, स्कूल, हॉस्पीटल, हॉस्टल, बैंक शाखा, पोस्ट ऑॅफिस, सुरक्षित पेयजल, स्किल डेवलपमेंट व रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. प्रभावित जिलों में केंद्र सरकार की ओर से इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान, एडिशनल सेंट्रल असिस्टेंस, रोड रिक्वायरमेंट प्लान, मोबाइल टॉवर की स्थापना, एससी-एसटी क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में योजनाओं के कार्यान्वयन पर ध्यान देने को कहा गया है.
डीएम ने अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट
राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव के पत्र के आधार पर एकीकृत योजना के तहत कार्यक्रम चलाने के लिए पदाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. इसमें उप विकास आयुक्त्र अपर समाहर्ता, सिविल सर्जन, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, अग्रणी जिला प्रबंधक, राष्ट्रीय बचत पदाधिकारी, पीएचइडी, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग पूर्वी व पश्चिमी प्रमंडल व स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के कार्यपालक अभियंता तथा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना पदाधिकारी से विकास के लिए योजना तैयार करने को कहा गया है.
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