मुजफ्फरपुर: रविवार देर रात आये तूफान व बारिश ने बिजली आपूर्ति की कमर तोड़ कर रख दी. तेज हवा में पोल उखड़ने व तार टूटने से जिले में 36 घंटे ब्लैक आउट रहा. फॉल्ट के कारण सभी पावर स्टेशन के एक साथ बैठ जाने से रविवार रात 12 बजे से दोनों ग्रिड से आपूर्ति बंद कर दी गयी. सोमवार को तूफान नहीं थमने के कारण मरम्मत का काम नहीं हो पाया.
आठ फीडर ही चालू
हवा कम होने पर मंगलवार सुबह मेंटेनेंस काम शुरु हुआ. लेकिन देर रात तक 33 केवीए के 11 फीडर में से आठ ही चालू हो पाया था. नया टोला, ढ़ोली व रेलवे फीडर ब्रेक डाउन में फंसे हुए थे. 11 हजार के दस से अधिक फीडर ब्रेक डाउन में फंसे हुए थे. इधर दुर्गा पूजा के दौरान हुई ब्लैक आउट से लोग बिजली पानी के लिए छटपटा कर रह गये. अधिकांश लोगों की पानी टंकी सोमवार दोपहर होते होते जबाव दे गया. इसके बाद पानी के लिए लोग इधर उधर भागते नजर आये. निगम का नल भी चालू नही रहने से चापाकल पर पानी के लिए भीड़ लगी रही.मोबाइल व इनवर्टर भी साथ छोड़ दिया. मोबाइल चार्ज करने के लिए लोग बैटरी के दुकान पर चक्कर लगाते रहे.
अंधेरा में डूबा था शहर
करीब 45 घंटे बाद भी आधे शहर की बिजली आपूर्ति सामान्य नही हो पायी थी.अधिकांश 11 केवीए लाइन में फॉल्ट होने के कारण पावर ट्रिप कर रहा था. झलक दिखा कर बिजली गुल हो रही थी.
माड़ीपुर पावर स्टेशन के यूनिवर्सिटी फीडर से जुड़े इलाके में शाम पांच मुश्किल से दो मिनट के लिए बिजली आयी. यही हाल अन्य फीडरों का भी था. शाम तीन बजे तक आधे से अधिक इलाके की बिजली चालू करने का दावा तो किया गया , लेकिन 11 हजार लाइन में फॉल्ट के वजह से अधिकांश इलाका अंधेरा में ही डूबा हुआ था. फॉल्ट का पता लगाने के लिए पेट्रोलिंग की जा रही थी.
जनरेटर वाले की चांदी
बिजली गुल होने का फायदा जनरेटर चालक ने जम कर उठाया. बेला सहित शहर के कई इलाके में एक दिन जनरेटर भाड़ा पर देने के बदले दो हजार तक रुपया वसूल किये गये. एक टंकी पानी भरने के लिए लोगों को पांच सौ रुपया तक खर्च करना पड़ा.