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मार्क्स फाइल व टीआर का होगा मिलान
मुजफ्फरपुर: पीआरटी-2013 के अर्थशास्त्र विषय की मार्क्स फाइल व टीआर की जांच की जायेगी. इसमें यह पता लगाया जायेगा कि क्या दोनों में अंतर है? अंतर पाये जाने पर उस विषय की सभी कॉपियों की जांच की जायेगी. उसमें पास आउट छात्र की कॉपियां भी शामिल होगी. दरअसल, बुधवार को उक्त परीक्षा में शामिल रवि […]
मुजफ्फरपुर: पीआरटी-2013 के अर्थशास्त्र विषय की मार्क्स फाइल व टीआर की जांच की जायेगी. इसमें यह पता लगाया जायेगा कि क्या दोनों में अंतर है? अंतर पाये जाने पर उस विषय की सभी कॉपियों की जांच की जायेगी. उसमें पास आउट छात्र की कॉपियां भी शामिल होगी.
दरअसल, बुधवार को उक्त परीक्षा में शामिल रवि कुमार ने कुलपति डॉ पंडित पलांडे से मिल कर मार्क्स फाइल व टीआर में अंतर होने की आशंका जतायी थी. रवि उन दो छात्रों में से एक हैं, जिन्हें परीक्षा में अनुत्तीर्ण घोषित कर दिया गया था. लेकिन जब उन्होंने आरटीआइ के तहत परीक्षा की कॉपी ली, तो अंकों के योग में गड़बड़ी की बात सामने आयी. जिसके आधार पर परीक्षा बोर्ड ने उन्हें उत्तीर्ण घोषित किया. दूसरे छात्र राजन कुमार हैं. कुलानुशासक डॉ सतीश कुमार राय ने बताया कि रवि की शिकायत के बाद ही मार्क्स फाइल व टीआर की जांच का फैसला लिया गया. इधर, पीआरटी-2013 परीक्षा में कॉपियों के मूल्यांकन पर सवाल उठने का सिलसिला जारी है. बुधवार को चार अभ्यर्थियों ने आरटीआइ के तहत परीक्षा की कॉपी की प्रतिलिपि के लिए आवेदन शुल्क सहित जमा किया है. इसमें तीन अर्थशास्त्र के ही परीक्षार्थी हैं.
सात ने पीजी की मांगी कॉपी. पीआरटी के बाद अब पीजी की कॉपियों के मूल्यांकन पर भी सवाल उठने शुरू हो गये हैं. बुधवार को पीजी थर्ड सेमेस्टर के चार छात्र-छात्रओं ने परीक्षा की कॉपी के प्रतिलिपि के लिए आरटीआइ के तहत आवेदन दिया है. इसमें से अधिकांश मनोविज्ञान के छात्र हैं. मंगलवार को दर्जनभर छात्रएं शून्य से पांच अंक तक आने पर इसकी शिकायत करने कुलानुशासक के पास पहुंचे थे, तो उन्होंने मूल्यांकन में गड़बड़ी की आशंका को खारिज कर दिया था. साथ ही आरटीआइ के तहत कॉपी लेने का सुझाव दिया था.
प्रॉक्टर के पास जमा होगा आवेदन
आरटीआइ के तहत परीक्षा की कॉपी की प्रतिलिपि के लिए अब आवेदन लोक सूचना पदाधिकारी या कुलसचिव कार्यालय के बजाये कुलानुशासक कार्यालय में जमा होगा. इसके लिए पहले अभ्यर्थी को फॉर्म ‘क’ पर दस रुपये शुल्क के साथ आवेदन देना होगा. बाद में एक अलग से आवेदन लिखना होगा. उस आवेदन पर वित्त अधिकारी तीन सौ रुपये जमा करने की अनुमति देंगे. शुल्क जमा करने के बाद छात्र वह आवेदन कुलानुशासक कार्यालय में जमा करेंगे. वहां से आवेदन संबंधित सेक्शन को भेज दिया जायेगा, जो जरू री प्रक्रिया पूरी कर उसे परीक्षा नियंत्रक को सौपेंगे. परीक्षा नियंत्रक स्टोर से कॉपी निकलवा कर उसकी फोटो कॉपी करायें. यह जानकारी कुलानुशासक डॉ सतीश कुमार राय ने दी.
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