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चुनाव में वोट प्रतिशत बढ़ा, विवि को मिलेगा अंक!
कुणाल मुजफ्फरपुर : बिहार में वर्ष 2009 की तुलना में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत में करीब 11.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. बीआरए बिहार विवि प्रशासन अब इसका फायदा उठाने की तैयारी में है. वह नैक की पियर टीम के समक्ष दावा करेगा कि उसके व अंगीभूत-संबद्ध कॉलेजों द्वारा अपने […]
कुणाल
मुजफ्फरपुर : बिहार में वर्ष 2009 की तुलना में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वोट प्रतिशत में करीब 11.82 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. बीआरए बिहार विवि प्रशासन अब इसका फायदा उठाने की तैयारी में है. वह नैक की पियर टीम के समक्ष दावा करेगा कि उसके व अंगीभूत-संबद्ध कॉलेजों द्वारा अपने कार्यक्षेत्र में चलाये गये जागरूकता अभियान के कारण यह इजाफा हुआ है.
दरअसल, विवि की नजर नैक मूल्यांकन में नवीन प्रक्रिया (इनोवेशन) व कार्य कुशलता के लिए निर्धारित सौ अंकों पर है. इनमें से 30 अंक पर्यावरण के प्रति सजगता, 30 अंक नवीन प्रक्रिया व 40 अंक कार्यकुशलता के लिए दिये जाने हैं. समाज में बेहतर व सफल जागरूकता अभियान को कार्यकुशलता की श्रेणी में रखा जाता है. विवि प्रशासन के दावों को पियर टीम ने सही माना तो विवि को 40 अंक तक मिल सकते हैं.
सूबे में 11.82 प्रतिशत अधिक पड़ा वोट
वर्ष 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बिहार में कुल 44.46 प्रतिशत वोट पड़े थे. वर्ष 2014 में यह बढ़ कर 57.66 प्रतिशत हो गया. यानी वोट प्रतिशत में कुल 11.82 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
वोट वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान महिलाओं के कारण हुआ है. 2009 में महिलाओं का वोट प्रतिशत जहां 42.62 प्रतिशत था, वहीं 2014 में यह 15.04 प्रतिशत बढ़त के साथ 57.66 प्रतिशत हो गया. पुरुषों वोट प्रतिशत में भी 9.02 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
विवि के कार्यक्षेत्र में तीन प्रतिशत की वृद्धि
बीआरए बिहार विवि का कार्यक्षेत्र मुजफ्फरपुर के अलावा पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी व वैशाली जिला है. इन जिलों में विवि के 39 अंगीभूत व 18 संबद्ध कॉलेज हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2009 की तुलना में वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव के वोट प्रतिशत में जो 11.82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, उनमें से करीब तीन प्रतिशत वृद्धि इसी क्षेत्र में आंकी गयी है.
जागरूकता अभियान का असर
विवि प्रशासन का दावा है कि चुनाव से पूर्व विवि के स्वयंसेवियों व एनसीसी कैडेट्स ने पूरे इलाके में जागरूकता अभियान चलाया था. उनका मुख्य फोकस महिलाएं, अल्पसंख्यक व गरीब तबके के लोग थे.
स्वयंसेवियों व कैडेट्स ने इनको चुनाव, लोकतांत्रिक सरकार व वोट करने के फायदे बताये. उनके अभियान का ही असर है कि 2014 लोकसभा चुनाव में ऐसे लोग भी वोट के लिए आगे आये, जिन्होंने कभी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था.
बीते कई वर्षो से विवि व कॉलेज के स्वयंसेवी व कैडेट्स समाज में जागरूकता अभियान चला रहे हैं. गत लोकसभा चुनाव में वोटिंग के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया. इससे वोट प्रतिशत में वृद्धि हुई है. इसे कैसे भूला जा सकता है!
डॉ कल्याण कुमार झा, विकास अधिकारी
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