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फिर वही गलती, बिना कोर्स वर्क जमा कराया सिनॉप्सिस

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में राहत के नाम पर 2012 की पीआरटी परीक्षा पास अभ्यर्थियों को यूजीसी रेगुलेशन 2009 का लाभ मिलने में परेशानी हो सकती है. कुछ ऐसी ही स्थिति 2013 पीआरटी की परीक्षा पास कर चुके तीन सौ से अधिक अभ्यर्थियों को भी परेशानी हो सकती है. दरअसल, 2012 की तरह 2013 की […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में राहत के नाम पर 2012 की पीआरटी परीक्षा पास अभ्यर्थियों को यूजीसी रेगुलेशन 2009 का लाभ मिलने में परेशानी हो सकती है. कुछ ऐसी ही स्थिति 2013 पीआरटी की परीक्षा पास कर चुके तीन सौ से अधिक अभ्यर्थियों को भी परेशानी हो सकती है.
दरअसल, 2012 की तरह 2013 की पीआरटी से पूर्व विवि प्रशासन ने सीटों की संख्या घोषित नहीं की. टेस्ट में आरक्षण रोस्टर का भी पालन नहीं हुआ. सिनॉप्सिस जमा करवाने में भी एक बार फिर नियमों की अनदेखी की गयी है. नियमों के तहत पीआरटी टेस्ट पास करने के बाद अभ्यर्थियों का इंटरव्यू होना चाहिए. इसका मकसद अभ्यर्थी को किस विषय में रुचि है, इसकी जानकारी प्राप्त करना है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इंटरव्यू के बाद छह माह का प्री-पीएचडी कोर्स करना अनिवार्य है. उसके अंत में परीक्षा होनी तय है. परीक्षा में पास होने के बाद अभ्यर्थी को सिनॉप्सिस जमा करना होता है. लेकिन इस नियम की भी अनदेखी की जा रही है.
नहीं तय हुई है कोर्स की तिथि
पीआरटी परीक्षा 2013 पिछले साल ही हो गया था. लेकिन अभी तक छह माह के कोर्स शुरू होने की तिथि तय नहीं हो सकी है. बिना कोर्स के ही करीब तीन सौ छात्र-छात्राओं से सिनॉप्सिस (लघु शोध प्रबंध) जमा करवा लिया गया है. विवि प्रशासन ने घोषणा की है कि इस बार डीआरसी में गाइड का नाम तय होगा. लेकिन इसकी अनदेखी करते हुए अधिकांश छात्र-छात्राओं ने खुद अपना गाइड भी तय कर लिया है. सिनॉप्सिस तैयार करने में भी अभ्यर्थियों ने उनका सहयोग भी लिया है.

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