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बीआरए बिहार विवि: ‘बाहरी’ दबाव के कारण पीछे हटा प्रशासन आउटसोर्सिग से नहीं होगी बहाली

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में आउटसोर्सिग पर फिलहाल कोई बहाली नहीं होगी. विवि प्रशासन ने पटना की एजेंसी संपूर्णा इंटरप्राइजेज को लिखे गये पत्र को स्थगित कर दिया है. इसमें पंद्रह डाटा ऑपरेटर व विभिन्न छात्रवासों के लिए 34 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की सेवा मुहैया कराने को कहा गया था. नव नियुक्त कुलानुशासक डॉ सतीश कुमार […]

मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में आउटसोर्सिग पर फिलहाल कोई बहाली नहीं होगी. विवि प्रशासन ने पटना की एजेंसी संपूर्णा इंटरप्राइजेज को लिखे गये पत्र को स्थगित कर दिया है. इसमें पंद्रह डाटा ऑपरेटर व विभिन्न छात्रवासों के लिए 34 चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों की सेवा मुहैया कराने को कहा गया था.
नव नियुक्त कुलानुशासक डॉ सतीश कुमार राय ने बताया कि आउटसोर्सिग पर कर्मचारियों की सेवा लेने का फैसला विवि का जरू रत को देखते हुए लिया गया था, लेकिन इसको लेकर जिस तरह से विवि में अफवाह उड़ायी जा रही है, इसे देखते हुए इसे स्थगित करने का फैसला लिया गया है. यह सिर्फ कुलपति डॉ पंडित पलांडे का ही फैसला नहीं है, बल्कि शनिवार की शाम उनकी अध्यक्षता में अधिकारियों की संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया. विवि प्रशासन के इस फैसले के पीछे कारण चाहे जो भी बताया जा रहा है, पर इसकी असली वजह ‘बाहरी’ दबाव को माना जा रहा है.
सूत्रों की मानें तो जिस दिन विवि में आउटसोर्सिग पर कर्मचारियों की सेवा लेने के फैसले के बारे में जानकारी मिली, उसी दिन अधिकारियों पर कैंपस व कैंपस के बाहर के कुछ लोग लगातार अपनी पसंद के लोगों को इसमें लेने के लिए दबाव बना रहे थे. कुछ अधिकारियों को इसके लिए धमकी भी मिल चुकी है. गत 13 व 14 मई को विवि में हुए छात्र आंदोलन को भी इसी से जोड़ कर देखा जा रहा है. यह पहला मौका नहीं है जब विवि प्रशासन ने इस तरह का फैसला लिया है. इससे पहले पूर्व कुलपति डॉ रवि वर्मा के कार्यकाल में भी विवि प्रशासन आउटसोर्सिग पर बहाली के फैसले से पीछे हट चुका है.
क्या है आउटसोर्सिग
राज्य सरकार के निर्देशानुसार, कर्मचारियों की कमी पर विवि में आउटसोर्सिग के माध्यम से कर्मचारियों से सेवा लेने का प्रावधान है. इसके लिए उक्त कर्मियों को एक निश्चित राशि दी जाती है. इनका अधिकतम कार्यकाल ग्यारह माह का होता है. कर्मचारियों की सेवा इस क्षेत्र में कार्य कर रहे एजेंसी के माध्यम से ही होता है. इसके लिए विवि सिर्फ जरू री कर्मचारियों की संख्या एजेंसी को बताती है. इसके बाद एजेंसी विज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियों का चयन करती है और उसकी सूची विवि प्रशासन को उपलब्ध कराती है. कर्मचारियों को भुगतान भी एजेंसी के माध्यम से ही होता है.
डॉ सतीश कुमार राय बने कुलानुशासक
हिंदी के प्रोफेसर डॉ सतीश कुमार राय बीआरए बिहार विवि के नये कुलानुशासक बन गये हैं. उन्होंने डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव का स्थान लिया है. डॉ राय का कार्यकाल दो साल का होगा. डॉ श्रीवास्तव कॉलेज के गवर्निग बॉडी में विवि प्रतिनिधि भी हैं. नियुक्ति की अधिसूचना जारी होने के बाद शनिवार को उन्होंने योगदान दे दिया है. डॉ अजय कुमार श्रीवास्तव ने गत छह मई को निजी कारणों व एकेडमिक जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए कुलानुशासक के पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि वे एसएनएस कॉलेज मुजफ्फरपुर के अनुदान वितरण में गड़बड़ी की जांच के वीसी के फैसले से नाराज बताये जाते हैं.

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