मनियारी : प्रशिक्षु आइपीएस सह थानाध्यक्ष विशाल शर्मा को पांच हजार रुपये रिश्वत देना महंगा पड़ा गया. शुक्रवार को सड़क निर्माण कंपनी के सुपरवाइजर अरविंद कुमार को थाना परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया. थानाध्यक्ष के बयान पर अरविंद व डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर बबलू मिश्र के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी है. शनिवार को उसे जेल भेजा जायेगा.
शुक्रवार की सुबह 10.49 बजे थानाध्यक्ष के सरकारी मोबाइल पर फोन करने वाले ने अपना नाम अरविंद बताते हुए मिलने की इच्छा जतायी. थोड़ी देर में वह थाने पर पहुंच गया. उसने थानाध्यक्ष से अकेले में मिलने की बात बोला. उसने बताया कि वह जेकेएम इंफ्रा कंपनी में सुपरवाइजर है. उसकी कंपनी मनियारी में टॉल प्लाजा लगा रही है. कंपनी के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर बबलू मिश्र ने उसे मिलने को भेजा है. थोड़ी देर चुप रहने के बाद उसने रंगीन लिफाफे में पांच-पांच सौ के दस नोट बतौर रिश्वत थानाध्यक्ष को दिये. पैसे देखते ही विशाल शर्मा ने अपने पीएसओ को उसे हिरासत में लेने को कहा. उसने बताया कि वह यूपी के गाजीपुर का रहने वाला है.
बताया जाता है कि थाने से सुरक्षा पाने के लिए वह रिश्वत भेंट कर रहा था. अरविंद की गिरफ्तारी होते ही पूरे मामले की जानकारी एसएसपी को दी गयी. देर शाम थानाध्यक्ष के बयान पर अरविंद व बबलू मिश्र पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. विशाल के पहले प्रमोद कुमार थानाध्यक्ष के पद पर तैनात थे. जिले में 10 साल की अवधि पूरा हो जाने पर आइजी के निर्देश पर हटा दिया गया था.
कौन लेता था पांच हजार का महीना
सुपरवाइजर की गिरफ्तारी के बाद यह सवाल उठने लगा है कि आखिर प्रतिमाह कौन लेता था पांच हजार रुपया रिश्वत. हालांकि सुपरवाइजर का कहना था कि वह पहली बार ही पैसा देने थाने आया था. लेकिन उस बात लोगों को गले नहीं उतर रहा है. घूस देने पर पकड़े जाने की कार्रवाई से मनियारी इलाके में हड़कंप व्याप्त है.