किसानों कई प्रकार की दवाओं का प्रयोग किया, लेकिन इनकी संख्या में कोई कमी नहीं आयी. वैज्ञानिकों का कहना है कीटों के उत्पन्न होने का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है. तेज धूप होने के बाद इसके प्रकोप में कमी आ सकती है. फिलहाल इस पर नियंत्रण के लिए किसानों को एक साथ चारों ओर से दवा का छिड़काव करना होगा. बारी-बारी से दवा छिड़काव से फायदा नहीं होगा.
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सैनिक कीटों ने बरबाद की हजारों एकड़ फसल
मुजफ्फरपुर/ बंदरा: बंदरा प्रखंड में हजारों एकड़ में लगी गेहूं, मक्का व गन्ना की फसल को सैनिक कीटों (ट्रू आमीवर्म-श्यूडैलेपिया यूनिपुनटाटा) ने चट कर दिया है. फसल की बालियों का टूड़ा व पत्तियां गायब हैं. केवल डंटल बच गया है. इन कीटों के प्रकोप के कारण हुई भारी आर्थिक क्षति से किसान माथा पीट रहे […]
मुजफ्फरपुर/ बंदरा: बंदरा प्रखंड में हजारों एकड़ में लगी गेहूं, मक्का व गन्ना की फसल को सैनिक कीटों (ट्रू आमीवर्म-श्यूडैलेपिया यूनिपुनटाटा) ने चट कर दिया है. फसल की बालियों का टूड़ा व पत्तियां गायब हैं. केवल डंटल बच गया है. इन कीटों के प्रकोप के कारण हुई भारी आर्थिक क्षति से किसान माथा पीट रहे हैं.
विभाग को भेजा त्रहिमाम संदेश
किसानों से सूचना मिलने पर संयुक्त निदेशक (पौधा संरक्षण) देवनाथ प्रसाद व केवीके सरैया के कीट वैज्ञानिक डॉ हेमचंद्र चौधरी ने संयुक्त रूप से बंदरा प्रखंड के सकरी, लोहरखा,केवटसा, चांदपुरा, हत्था व मुन्नी बैंगरी गांवों में भ्रमण कर फसल की स्थिति का जायजा लिया. यहां 40 प्रतिशत से अधिक फसल बरबाद है. यह अपने तरह का पहला मामला है. कृषि निदेशालय को त्रहिमाम संदेश भेज दिया गया है. संयुक्त कृषि निदेशक पौधा संरक्षण, पटना ने कीट के सैंपल व फसल सैंपल के साथ सहायक निदेशक पौधा संरक्षण देवनाथ प्रसाद को पटना तलब किया है. प्रारंभिक रिपोर्ट जेडीए शष्य (फसल) मुजफ्फरपुर सुनील कुमार पंकज व डीएओ सुधीर कुमार को भेज दी गयी है.
इन किसानों की फसल हुई चौपट
हत्था के चांदपुरा, लोहरखा के किसान सतीश कुमार द्विवेदी, महेंद्र साह, प्रभात कुमार द्विवेदी, रामबाबू सहनी, लक्ष्मण सहनी व मुन्नी बैंगरी के अमरेंद्र कुमार पांडेय, नवल किशोर ठाकुर, जितेंद्र कुमार, दीपक कुमार तिवारी, प्रकाश कुमार, अनिल कुमार द्विवेदी, सच्चिदानंद प्रसाद, विमल प्रसाद सहनी, संतू लाल सहनी, ब्रज किशोर सहनी की फसल चौपट हो गयी है. इनके अलावा और भी कई किसान हैं जिनकी फसलों पर कीट के प्रकोप से फसल खराब हो गयी है.
इन दवा का करें उपयोग
मक्का व गेहूं सैनिक कीट (ट्रू आर्मी वर्म) से भारी क्षति है. जांच टीम ने किसानों से क्लोरोपाइरीफॉस 50 ईसी व प्रोफेनोफॉस पांच ईसी 1़ 5 मिली प्रतिलीटर पानी की दर से घोल बनाकर स्टीकर व स्प्रेडर के साथ किसान समूह में फसल पर छिड़काव करने की सलाह दी गयी है. इस घोल से खेत के चारों तरफ मेड़ पर भी दवा का छिड़काव करने व आठ दिन पर दोहराने की भी सलाह दी गयी है
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