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आइएसआइ एजेंट जमील इलियास उर्फ भूरा गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर: मुंबई दहलाने वाला पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन का सबसे बड़ा मास्टर माइंड हाफिज सईद के दिल्ली दहलाने की घोषणा के अगले दिन ही भारत नेपाल सीमा पर आइएसआइ का एजेंट जमील इलियास उर्फ भूरा दबोचा गया है. जो उत्तर प्रदेश के हापुड़ का रहने वाला है. भूरा का पाकिस्तानी आइएसआइ एजेंट इकबाल काना से सीधा […]

मुजफ्फरपुर: मुंबई दहलाने वाला पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन का सबसे बड़ा मास्टर माइंड हाफिज सईद के दिल्ली दहलाने की घोषणा के अगले दिन ही भारत नेपाल सीमा पर आइएसआइ का एजेंट जमील इलियास उर्फ भूरा दबोचा गया है. जो उत्तर प्रदेश के हापुड़ का रहने वाला है. भूरा का पाकिस्तानी आइएसआइ एजेंट इकबाल काना से सीधा संपर्क है.

वह कई बार भारत में नकली नोटों के बड़े खेपों की सप्लाई भी कर चुका है. इससे संबंधित कई महत्वपूर्ण सुराग डीआरआइ के हाथ लगे हैं. इसके आधार पर डीआरआइ की टीम आगे की कार्रवाई कर रही है. भूरा के पकड़े जाने के बाद पूरे खुफिया विभाग में हलचल है. जानकारी के मुताबिक डीआरआइ पटना व मुजफ्फरपुर की टीम गुप्त सूचना पर भूरा को शुक्रवार की रात करीब आठ बजे भारत-नेपाल सीमा के रक्सौल से गिरफ्तार किया. भूरा अंधेरा का फायदा उठाते हुए नेपाल से भारत में प्रवेश कर रहा था. बॉर्डर पर डीआरआइ की टीम ने पहले से ही जाल बिछा रखा था. फिर उसे देखते ही दबोच लिया गया. टीम ने भूरा से तीन घंटे तक कड़ी पूछताछ की. उसके बाद राम में ही मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने के बाद मोतिहारी जेल में भेज दिया गया.

एनआइए, सीबीआइ को थी तलाश : पाकिस्तानी आइएसआइ एजेंट जमील एलियास उर्फ भूरा को दिल्ली व यूपी पुलिस के अलावा एनआइए, सीबीआइ, आइबी व एटीएस लखनऊ की टीम महीनों से तलाश कर रही थी. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि भूरा कितना बड़ा आइएसआइ का एजेंट है. बताया जाता है कि भूरा जाली नोटों की तस्करी करने के साथ ही आइएसआइ के लिए आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में भी सहयोग करता था. दिल्ली व यूपी के विभिन्न थानों में भूरा के खिलाफ हत्या, फिरौती व जाली नोट तस्करी का आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज है. गिरफ्तारी के बाद डीआरआइ ने इसकी सूचना दिल्ली व यूपी पुलिस को देने के साथ ही सीबीआइ, एनआइए व एटीएस लखनऊ को दे दी है.

दिल्ली में पकड़ाया था 30 लाख का नकली नोट : आइएसआइ एजेंट जमील इलियास उर्फ भूरा ने दो माह पूर्व जून में चीन से कुरियर के जरिये दिल्ली में 30 लाख रुपया का नकली नोट का बड़ा खेप मंगाया था. यह स्कूल बैग के जरिये मंगाया गया था, लेकिन खुफिया जानकारी के बाद दिल्ली डीआरआइ की टीम ने 30 लाख से जाली नोट से भरे स्कूल बैग को तो जब्त कर लिया, लेकिन भूरा पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. इसके बाद भूरा दो माह से नेपाल में ही अपना ठिकाना बना रखा था. नेपाल में भी भारतीय खुफिया एजेंसी इसकी तलाश में थी.

इमरान तेली हो चुका है गिरफ्तार : भूरा की गिरफ्तारी से करीब बीस दिनों पूर्व एटीएस लखनऊ की टीम ने इमरान तेली नामक शख्स को गिरफ्तार किया था. तेली भी आइएसआइ के काफी करीब है और यह बिहार के बेतिया जिला का रहने वाला है. अब पूरी टीम यह जानने में जुटी है कि भूरा का इस शख्स से कोई संपर्क है कि नहीं. क्योंकि ये दोनों जाली नोट के बहुत बड़े तस्कर है. इन दोनों के तार जुड़ते है बहुत कुछ का खुलासा हो सकता है.

डीआरआइ को सबसे बड़ी सफलता : मुजफ्फरपुर व पटना डीआरआइ इसे अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि मान रही है. क्योंकि आज तक इतना बड़ा कोई जाली नोट का तस्कर नहीं पकड़ा गया. पिछले करीब एक साल में चालीस लाख रुपये के जाली नोट को डीआरआइ टीम ने पकड़ा है. जिस वक्त भूरा पकड़ा गया इसके पास से कोई हथियार बरामद नहीं हुआ. लेकिन कुछ ऐसे दस्तावेज मिले है इससे आइएसआइ के बारे में बहुत अहम सुराग हाथ लगने की उम्मीद है.

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