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डीबीटीएल से खुली गैस कालाबाजारी की पोल
कुमार गौरव मुजफ्फरपुर : जिले में प्रत्येक माह करीब 12 से 15 हजार घरेलू गैस सिलिंडरों की ब्लैक मार्केटिंग होती है. इस कारण आम उपभोक्ताओं को गैस की किल्लत का सामना करना पड़ता है. इस बात खुलासा सरकार की गैस सब्सिडी योजना डीबीटीएल (पहल) से हुआ है. ऑयल कंपनियों की मानें तो इंडियन ऑयल (आइओसीएल), […]
कुमार गौरव
मुजफ्फरपुर : जिले में प्रत्येक माह करीब 12 से 15 हजार घरेलू गैस सिलिंडरों की ब्लैक मार्केटिंग होती है. इस कारण आम उपभोक्ताओं को गैस की किल्लत का सामना करना पड़ता है. इस बात खुलासा सरकार की गैस सब्सिडी योजना डीबीटीएल (पहल) से हुआ है.
ऑयल कंपनियों की मानें तो इंडियन ऑयल (आइओसीएल), हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपी), भारत पेट्रोलियम (बीपी) को मिलाकर पहले एक माह में करीब 250 कॉमर्शियल गैस की आपूर्ति होती है. लेकिन डीबीटीएल योजना शुरू होने के बाद फरवरी माह से तीनों कंपनियों को मिलाकर प्रत्येक दिन करीब 200 कॉमर्शियल गैस की आपूर्ति हो रही है. इससे कुछ हद तक गैस की ब्लैक मार्केटिंग पर रोक लगी है.
ऐसे होती थी घरेलू गैस की ब्लैक मार्केटिंग
पहले कॉमर्शियल उपभोक्ता फर्जी नाम पर गैस एजेंसी से कनेक्शन लेकर घरेलू गैस का उपयोग करते थे. एक कॉमर्शियल उपभोक्ता दो-चार-छह घरेलू कनेक्शन लेकर गैस लेते थे. ऐसे में घरेलू गैस उपभोक्ताओं को गैस आपूर्ति में परेशानी होती थी. लगन के मौसम में घरेलू गैस की आपूर्ति में और संकट हो जाता था. लेकिन योजना पूर्ण रूप से लागू होने के बाद घरेलू गैस की कालाबाजारी पर पूर्ण रोक लगेगी. वहीं इसकी आपूर्ति में भी सुधार होगा. इस कालाबाजारी के कारण आम उपभोक्ताओं के सब्सिडी का हजारों रुपये पानी में चला जाता था. वहीं सरकार को राजस्व की हानि होती थी
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