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जवान को बूढ़ा बना सूखा राहत में गोलमाल
मुजफ्फरपुर : अनुदान व मुआवजा वितरण में पीड़ित परिवार के साथ किस कदर हकमारी की जाती है, फर्जी लोगों के नाम सूची बना कर राहत वितरण में गोलमाल होता है, इसका खुलासा गायघाट अंचल में वर्ष 2011-12 में सूखा राहत वितरण की जांच रिपोर्ट से हुआ है. राशि की बंदरबांट के लिए जवान को बूढ़ा […]
मुजफ्फरपुर : अनुदान व मुआवजा वितरण में पीड़ित परिवार के साथ किस कदर हकमारी की जाती है, फर्जी लोगों के नाम सूची बना कर राहत वितरण में गोलमाल होता है, इसका खुलासा गायघाट अंचल में वर्ष 2011-12 में सूखा राहत वितरण की जांच रिपोर्ट से हुआ है.
राशि की बंदरबांट के लिए जवान को बूढ़ा व भरा-पूरा परिवार वाले को नि: सहाय बनाया गया. अंचल में सूखा राहत वितरण में अनियमितता का मामला सामने आने पर डीएम के निर्देश पर हुई जांच में कई चौंकाने वाले बात सामने आया है. मामले में अंचल के पांच कर्मचारियों को दोषी पाया गया है. गायघाट अंचलाधिकारी ने इन सभी पर प्रपत्र क गठित करने की अनुशंसा की है. इनमें बोआरी डीह व राम नगर के राजस्व कर्मचारी देवेंद्र प्रताप, बरुआरी व केवटसा के पंचायत सचिव दिलीप पाठक, जारंग पश्चिमी के पंचायत सचिव नरेंद्र प्रसाद सिंह, लदौर के राजस्व कर्मचारी राम उद्गार तिवारी व अंचल के राजस्व कर्मचारी यदुनंदन ठाकुर शामिल हैं.
राजस्व कर्मचारी देवेंद्र प्रताप पर 60 वर्ष से कम उम्र के चार व्यक्तियों को नि: सहाय का प्रमाण पत्र पर राहत की राशि देने का आरोप है. वहीं एक ही परिवार के पति व पत्नी को सूखा राहत देने में दोषी माना गया है. कुछ इसी तरह के आरोप में पंचायत सचिव दिलीप पाठक दोषी पाये गये हैं. पंचायत सचिव नरेंद्र प्रसाद सिंह पर कई लाभुकों को अवैध तरीके दो-दो बार सूखा राहत का लाभ देने का मामला पकड़ में आया है. राजस्व कर्मचारी राम उद्गार तिवारी ने सेवानिवृत्त कर्मचारी को सूखा राहत की राशि दी. राजस्व कर्मचारी यदुनंदन ठाकुर पर भी कम उम्र के लोगों को सूखा राहत वितरण किया गया.
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