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अस्त-व्यस्त नहीं थे बंडल, परीक्षा नियंत्रक ने की थी जांच

मुजफ्फरपुर: विवि में स्नातक पार्ट थर्ड के प्रश्न पत्र लीक मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने मामले में आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्या डॉ शकुंतला कुमारी, परीक्षा नियंत्रक विजय कुमार व परीक्षा सहायक उपेंद्र कुमार से पूछताछ की. तीनों ने कमेटी के समक्ष जो बयान दिया है, उसमें […]

मुजफ्फरपुर: विवि में स्नातक पार्ट थर्ड के प्रश्न पत्र लीक मामले में अब एक नया मोड़ आ गया है. पांच सदस्यीय जांच कमेटी ने मामले में आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्या डॉ शकुंतला कुमारी, परीक्षा नियंत्रक विजय कुमार व परीक्षा सहायक उपेंद्र कुमार से पूछताछ की. तीनों ने कमेटी के समक्ष जो बयान दिया है, उसमें अधिकांश बातें एक दिन पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार व विवि परीक्षा विभाग के कर्मचारियों के बयान से मेल नहीं खाती. ऊपर से तुक्का यह कि खुद परीक्षा विभाग के पास अपनी बात सही साबित करने के लिए कोई सबूत ही नहीं है.
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को पूूछताछ के दौरान आरबीबीएम की प्राचार्या ने चार जनवरी को कुलपति व कुलसचिव को दिये गये आवेदन में लिखी गयी बातों को ही दोहराया. उनके अनुसार, प्रश्न पत्र के बंडल 26 दिसंबर की सुबह पौने नौ बजे खुद उनकी, स्टैटिक मजिस्ट्रेट, कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक व एक वीक्षक की मौजूदगी में खोले गये. इस दौरान बंडल के साथ पूर्व में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के संकेत नहीं मिले थे. परीक्षा नियंत्रक विजय कुमार के अनुसार, 26 दिसंबर की सुबह करीब छह बजे विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार व विवि के गोपनीय शाखा के एक कर्मी कॉलेज पहुंचे. इस दौरान गोपनीय शाखा के कर्मी ने अच्छी तरह से बंडल की जांच की. जांचोपरांत उन्होंने बंडल को सही पाया था. सूत्रों के अनुसार, विवि परीक्षा नियंत्रक ने पांच जनवरी को दिये अपने बयान में 26 दिसंबर को प्रश्न पत्र के बंडल की जांच के दौरान उसे अस्त-व्यस्त पाये जाने की बात कही थी. कमेटी सभी लोगों के बयान उनके हस्ताक्षर के साथ लिखित रू प से ले रही है.
उपेंद्र ने कहा, मैसेंजर ने मुङो नहीं दिये प्रश्नों के बंडल : जानकारी के अनुसार, आरबीबीएम कॉलेज परीक्षा विभाग के सहायक उपेंद्र कुमार ने विवि के मैसेंजर द्वारा 25 दिसंबर को प्रश्न पत्र के बंडल मिलने से इनकार कर दिया. उनके अनुसार, 25 दिसंबर की शाम करीब साढ़े पांच बजे कॉलेज के ही एक अन्य कर्मी ने उसे प्रश्न पत्र के बंडल दिये. उसने तुरंत इसकी जानकारी कॉलेज प्राचार्या को दी. बताया जा रहा है कि विवि के कर्मियों ने पूछताछ के दौरान प्रश्न पत्र के बंडल एक बाहरी आदमी के सामने उपेंद्र कुमार को देने की बात कही थी.
गोपनीय शाखा की लापरवाही से परेशानी
25 दिसंबर को विवि का कौन सा मैसेंजर किस केंद्र पर, कितने बजे प्रश्न पत्र का बंडल लेकर गया, उसका कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. यही नहीं मैसेंजर ने कॉलेज में प्रश्न पत्र पहुंचाने के बाद ना ही उसकी कोई रिसीविंग ली. ऐसे में जांच कमेटी के समक्ष यह पता लगाना कि कौन सही बोल रहा है, कौन गलत, काफी मुश्किल है. गोपनीय शाखा से केंद्र पर प्रश्न पत्र भेजने से पूर्व मैसेंजर का नाम व प्रश्न पत्र ले जाने का समय लिखना अनिवार्य है. साथ ही केंद्र पर बंडल देते समय उसकी रिसीविंग भी लेना जरू री है. हालांकि फिलहाल इस मामले में जांच कमेटी के सदस्य कुछ भी बताने से इनकार कर रहे हैं. आरबीबीएम कॉलेज परीक्षा विभाग के अन्य कर्मियों, स्टैटिक मजिस्ट्रेट व एक वीक्षक से बुधवार को पूछताछ होगी.

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