मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि प्रशासन नैक की तैयारी के लिए दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से चार करोड़ रुपये लोन के रू प में लेगी. इसके लिए पहल शुरू हो गयी है. कुलपति डॉ पंडित पलांडे के आदेश पर कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला ने शनिवार को निदेशालय के निदेशक डॉ शिवजी सिंह को पत्र लिखा है. मामला निदेशालय के एडवाइजरी बोर्ड में रखा जायेगा. वहां से हरी झंडी मिलने के बाद राशि का भुगतान होगा. बोर्ड की बैठक सोमवार को होने की उम्मीद है.
पूर्व में विवि प्रशासन ने निदेशालय को अपना ‘सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन’ बताते हुए नैक की तैयारी के लिए सीधे चार करोड़ रुपये उपलब्ध कराने को कहा था. इसके लिए 18 दिसंबर को निदेशक को पत्र भी लिखा गया था. इसमें राशि लोन के रू प में लेने का कोई जिक्र नहीं था. निदेशालय के अधिकारियों ने इस पर आपत्ति जतायी. मामला वित्त परामर्शी व वित्त अधिकारी के पास पहुंचा. उन्होंने भी इस पर आपत्ति जतायी. इसके बाद नियमों को खंगाला गया. इसमें अपने ‘सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन’ से राशि लोन के रू प में लेने के प्रावधान का जिक्र था. इसके बाद कुलपति के आदेश पर निदेशालय से चार करोड़ रुपये लोन के रू प में ही लेने का फैसला लिया गया.
पीजी फस्र्ट सेमेस्टर की परीक्षा अब 16 से
मुजफ्फरपुर. विवि में पीजी फस्र्ट सेमेस्टर की परीक्षा की तिथि बढ़ा दी गयी है. अब यह परीक्षा छह जनवरी के बजाये 16 जनवरी से शुरू होगी. यही नहीं, अभी तक परीक्षा फॉर्म भरने से वंचित रह गये अभ्यर्थियों को भी राहत दी गयी है. अब अभ्यर्थी पांच से दस जनवरी तक संबंधित विभागों में फॉर्म भर सकते हैं. हालांकि इसके लिए उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से दो सौ रुपये विलंब शुल्क देने होंगे. गौरतलब है कि प्रभात खबर ने पहले ही परीक्षा की तिथि बढ़ने की संभावना जतायी थी. परीक्षा विभाग ने पहले छह जनवरी से परीक्षा शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन तय समय पर प्रश्न पत्र की छपाई नहीं हो पायी. परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार ने बताया कि परीक्षा का विस्तृत कार्यक्रम जल्द ही घोषित किया जायेगा.
भवनों के जीर्णोद्धार पर होगा खर्च
विवि में नैक की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. विवि की ओर से भेजे गये सेल्फ स्टडी रिपोर्ट को नैक कार्यालय ने स्वीकार कर लिया है. अप्रैल में पियर टीम विवि के निरीक्षण के लिए आ सकती है. इससे पूर्व विवि के पीजी विभागों, सेंट्रल लाइब्रेरी, हेल्थ सेंटर, गेस्ट हाउस, परीक्षा भवन सहित अन्य प्रमुख भवनों का जीर्णोद्धार कार्य होना है. विवि प्रशासन की मानें तो फिलहाल इसके लिए फंड उपलब्ध नहीं है. सरकार से राशि की डिमांड की जा चुकी है. हालांकि राशि मिलने में वक्त लग सकता है. ऐसे में निदेशालय से लोन लेकर इन भवनों के जीर्णोद्धार का फैसला लिया गया है, ताकि कार्य समय पर पूरा हो सके.