मुजफ्फरपुर: श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने एमसीआइ (मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया) की टीम अगले महीने आने वाली है. एमसीआइ की प्राथमिकता में शिक्षक, शिक्षा, छात्र व संस्थान की गुणवत्ता है. इसमें कमी से वह समझौता नहीं करती. उसके आगमन को देखते हुए प्राचार्य डॉ डीके सिन्हा ने आशंका जतायी है कि एमसीआइ टीम कॉलेज की मान्यता न खत्म कर दे. इसलिए वे हरेक बिंदु की समीक्षा कर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को रिपोर्ट भेज रहे हैं.
उसकी कॉपी अन्य अधिकारियों को भी दी जा रही है. कॉलेज में शिक्षकों की घोर कमी को देखते हुए उन्होंने रिपोर्ट में यह उल्लेख किया है कि यहां शिक्षकों के कुल सृजित पद 196 हैं, जबकि यहां 114 शिक्षक ही कार्यरत हैं. यानी 82 शिक्षकों का पद रिक्त है. इससे पठन-पाठन में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बायोकेमेस्ट्री, गाइनी व ऑर्थो विभागों की स्थिति बहुत खराब है. इन विभागों में पठन-पाठन प्रभावित है.
सह प्राध्यापक की 20 रिक्तियां
विभिन्न विभागों में सृजित सह प्राध्यापकों के 37 पदों में 20 रिक्त हैं. इसमें टीबी एवं चेस्ट, रेडियोथेरापी, पीएमआर, न्यूरोलॉजी, पैथोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, एफएमटी, सजर्री, हड्डी, इएनटी, एनाटोमी, फिजियोलॉजी व रेडियोलॉजी में एक-एक तथा कार्डियोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री, मेडिसिन व एनेस्थेसिया में दो-दो पद खाली है.
पांच प्राध्यापकों की कमी
कॉलेज में एमसीआइ के मानक के मुताबिक प्राध्यापकों का कुल 20 सृजित पद है. फिलहाल पंद्रह कार्यरत हैं और पांच पद रिक्त हैं. कार्यरत पंद्रह में आठ संविदा पर हैं. फिजियोलॉजी, मेडिसिन, सजर्री, हड्डी व शिशु रोग विभागों में एक-एक प्राध्यापक का पद वर्षो से रिक्त है.
20 सहायक प्राध्यापक हैं कम
कॉलेज में सहायक प्राध्यापक के कुल 50 पद हैं. इनमें 20 पद रिक्त हैं. इससे शिक्षण कार्य काफी प्रभावित है. पैथोलॉजी, टीबी एवं चेस्ट, साइकेट्री, शिशु रोग, हड्डी रोग, रेडियोलॉजी व रेडियोथेरापी में एक-एक, एनाटोमी व पीएमआर में दो-दो तथा पीएसएम, स्त्री एवं प्रसव रोग व एनेस्थेसिया में तीन-तीन पद रिक्त हैं.
सीनियर रेजिडेंट 44 में हैं 31
सीनियर रेजिडेंट सहायक प्राध्यापक के समतुल्य माने जाते हैं. इनका पद अलग सृजित है. कुल मिलाकर 44 सीनियर रेजिडेंट की जगह मात्र 31 कार्यरत हैं. इसमें 15 रिक्तियां हैं. जबकि सजर्री विभाग में दो अतिरिक्त कार्य कर रहे हैं. टीबी एवं चेस्ट, हड्डी, शिशु रोग, साइकेट्री, दंत, पीएमआर व न्यूरोलॉजी में एक-एक, कार्डियोलॉजी में दो, स्त्री एवं प्रसव व एनेस्थेसिया में तीन-तीन पद रिक्त हैं.
ये पद भी हैं रिक्त
मेडिकल कॉलेज में एक भी चिकित्सा पदाधिकारी नहीं है, जबकि आठ पद स्वीकृत हैं. चिकित्सा पदाधिकारी आरएचसी के छह व यूएचसी के दो पद रिक्त हैं.
एमसीआइ का निरीक्षण होने वाला है. लेकिन कॉलेज की स्थिति संतोषजनक नहीं है. स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट मांगी थी. विस्तृत रिपोर्ट भेज दी गयी है. यदि इस पर साकारात्मक पहल नहीं की गयी तो कॉलेज डी रिकोग्नाइज्ड भी हो सकता है.
डॉ डीके सिन्हा, प्राचार्य, श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज