मुजफ्फरपुर: ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव एस सिद्धार्थ ने सड़कों के निर्माण में हो रही लेटलतीफी पर अभियंताओं की क्लास लगायी है. उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण के लिए एकमुश्त 800 करोड़ राशि उपलब्ध करायी गयी, लेकिन अब तक काम शुरू तक नहीं हुआ है. सिर्फ मुजफ्फरपुर में 160 सड़कों का निर्माण लंबित है.
जबकि एक योजना का पैसा दूसरी योजना में खर्च करने तक की छूट है. सचिव ने कहा कि सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर अब जीविका की दीदी नजर रखेगी. निर्माण एजेंसी अगर संविदा के अनुरू प कार्य नहीं करती है तो जीविका की दीदी की रिपोर्ट पर संबंधित एजेंसी व अभियंता पर कार्रवाई होगी. वे शनिवार को कलेक्ट्रेट में सीतामढ़ी, समस्तीपुर व शिवहर जिले के विभिन्न कार्य प्रमंडलों की समीक्षा कर रहे थे. बैठक में डीएम अनुपम कुमार, डीडीसी कॅवल तनुज के साथ ग्रामीण विभाग के मुख्य अभियंता रामजी चौधरी, पीएमजीएसवाई के समन्वयक केएन प्रसाद के साथ सभी प्रमंडल के अधीक्षण व कार्यपालक अभियंता उपस्थित थे.
होटल में बिल पास करने से नहीं चलेगा काम . इधर, सड़क निर्माण की योजनाओं का सही तरीके से मॉनिटरिंग नहीं करने के लिए अधीक्षण अभियंताओं को खरीखोटी सुनायी. वहीं कार्यपालक अभियंताओं को संविदा में करार अवधि निर्माण एजेंसी से कार्य पूरा नहीं कराने पर नाराजगी जतायी. अभियंताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि होटल में बिल पास करने से काम नहीं चलेगा. अब धरातल पर काम दिखाना चाहिए. उन्होंने कहा कि संविदा पर हस्ताक्षर के 14 माह के अंदर संवेदक को कार्य पूरा करना होता है.
जिसे विडेन टाइम कहते हैं. इसके बाद निर्माण एजेंसी से तीन फीसदी एलडी कटौती करना है, लेकिन ऐसा नहीं किया है. यह अभियंताओं की नाकामी है.
कई निर्माण एजेंसी पर कार्रवाई का आदेश
सड़क निर्माण का काम तय अवधि में पूरा नहीं करने वाले आधा दर्जन एजेंसी पर कार्रवाई के आदेश दिये गये हैं. मेसर्स संजय कुमार पर प्राथमिकी का निर्देश कार्यपालक अभियंता को दिया गया. इसके अलावा जेएसआर, बीएलएसआर व फाइन इंजी कौम पर कार्रवाई करने की बात कही गयी.