मुजफ्फरपुर: अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी कार्यालय में सोमवार को पेंशन कैंप लगा. यहां दिन भर पैसे के लिए लोग डटे रहे. शाम होते ही उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा. इनसे कह दिया गया कि बैंक में आप लोगों का पैसा नहीं आया है. अब आप यहां से चले जाइए. इसके बाद लोग निराश होकर लौट गये.
कैंप में मुशहरी प्रखंड के शहरी क्षेत्र से आने वाले तीन वार्डो के लोगों को पेंशन दिया जाना था. यहां करीब 15 सौ की संख्या में पेंशनधारी पहुंचे थे. लोगों का कहना है कि दिन भर भूखा-प्यासा रहना पड़ा. अब दो दिसंबर को भुगतान का आश्वासन मिला है. इन लोगों के भुगतान का चार महीने से अधिक हो गया. कैंप में आयी एक वृद्ध महिला ने कहा, उसे सावन में पैसा मिला था. छह सौ रुपये का भुगतान किया गया था. इसके बाद आज बुलाया गया, लेकिन पैसा नहीं मिला.
इस कैंप में विधवा, विकलांग व वृद्धावस्था पेंशन के तहत लोगों का भुगतान किया जाना था. लोगों का आरोप था कि राशि लेने में काफी अनियमितता बरती जा रही है. बिना रिश्वत कोई काम नहीं होता. लेकिन, परिस्थिति का मारा कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं था. लोगों ने अपना नाम नहीं बताया. साफ कहा, अगर नाम पता चल गया तो बुढ़ापा का सहारा छिन जायेगा. नेताजी लोग नाम कटवा देंगे.
रिश्वत नहीं देंगे तो नहीं मिलेगी पेंशन : वार्ड एक से आयी एक बुजुर्ग महिला ने कहा कि छह सौ रुपये पेंशन का भुगतान होता है. इसमें से सौ रुपये पेंशन दिलाने वालों को दे देते हैं. रिश्वत नहीं देंगे तो पैसा नहीं मिलेगा. आखिर रिश्वत देने के बाद काम हो जाता है, बड़ी बात है. यही तो बुढ़ापे की आस है. कई विधवा पेंशन भोगी महिलाओं ने कहा, हमें कितना मिलता है. इसके बारे में क्या पूछना है. अगर नेताजी नाम जान गये तो हमेशा के लिए भुगतान बंद कर देंगे. फिर हम लोग कहां जायेंगे. पति की मौत के बाद जिंदगी का कोई दूसरा आसरा नहीं है.