मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि में 13 नवंबर को दीक्षांत समारोह हो रहा है. दस साल बाद होने वाले इस समारोह का इंतजार 2012 व 2013 के टॉपर शिद्दत के साथ कर रहे हैं. न जाने उन्होंने कितने सपने भी पाल रखे होंगे. चंद दिनों पूर्व तक कुछ ऐसे ही सपने सनोज कुमार ने भी देखे थे, लेकिन परीक्षा विभाग की ओर से दो साल पूर्व की गयी एक गलती ने उसके सपनों को समारोह शुरू होने से पहले ही तोड़ दिया है.
गोल्ड मेडल तो दूर, आज वह अपनी टॉप रैंक बचाने के लिए दर-दर भटक रहा है. पहले कुलपति से गुहार लगायी, बात नहीं बनी तो सोमवार को राज्यपाल को पत्र लिख कर न्याय की अपील की है.
सनोज 2010-12 सत्र में स्नातकोत्तर भूगोल के छात्र हैं. 2011 में पीजी प्रीवियस की परीक्षा दी. छठे पेपर में उसे शून्य अंक आया. उसने इसके खिलाफ अपील की. रिटोटलिंग के लिए आवेदन दिया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ. इस बीच परीक्षा विभाग ने 2013 में पीजी ओल्ड कोर्स के छात्रों के लिए विशेष परीक्षा का आयोजन किया. सनोज ने भी यह परीक्षा दी. इधर, पहली परीक्षा का जब टीआर विभाग भेजा गया तो उसमें छठे पेपर में उसे शून्य की जगह 47 अंक दिखाया गया. दूसरी परीक्षा में उसे 69 अंक प्राप्त हुए.
नियमत: पहली परीक्षा में उत्तीर्ण होने के कारण दूसरी परीक्षा का रिजल्ट रोक देना चाहिए था, लेकिन परीक्षा विभाग ने दूसरी परीक्षा के आधार पर 16 अगस्त 2013 को सनोज को टॉप रैंकिंग का सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया. इसी के आधार पर परीक्षा विभाग की ओर से पिछले माह 101 टॉपरों की सूची में उसका नाम भी शामिल कर लिया गया. अब उसका नाम सूची से हटा लिया गया. इसका कारण सनोज के रिपिट परीक्षा के आधार पर उत्तीर्ण बताया गया.
पहली परीक्षा के अंक से भी था टॉपर : दीक्षांत समारोह में सम्मानित होने वाले 49 टॉपरों में सनोज की जगह सिरिन हयात का नाम शामिल किया गया है. उसे कुल 1600 की परीक्षा में 1148 अंक प्राप्त हुए थे. दूसरी परीक्षा के बाद सनोज को कुल प्राप्तांक 1181 था. यदि इसमें छठे पेपर में 69 की जगह 47 अंक जोड़ दिये जाने पर भी उसका कुल प्राप्तांक 1155 होता है. इस आधार पर भी वह टॉपर होता.