मुजफ्फरपुर: जिले में बाढ़ के कहर से जहां चार प्रखंडों में जनजीवन बेपटरी हो गयी है, वहीं खेत-खलिहान पर भी काफी असर पड़ा है. पिछले आठ दिनों की बाढ़ में अबतक करीब 12 करोड़ की फसल बरबाद हो चुकी है.
इसमें सबसे अधिक नुकसान धान व मक्का की फसल को हुआ है. प्रभावित अंचल के सीओ से मिली रिपोर्ट के अनुसार औराई, कटरा, गायघाट व साहेबगंज में 0.8363 लाख हेक्टेयर में लगी फसल बाढ़ के पानी में डूबने से बरबाद हो गयी. इसका अनुमानित मूल्य 1185 .99 लाख बताया जा रहा है. बाढ़ के पानी से जिले के 65 गांव अभी भी जलमग्न हैं. इससे एक लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है. बाढ़ के पानी घरों में जिले में बाढ़ से ले में बाढ़ से घुस जाने के कारण 400 के करीब कच्च मकान गिर गये हैं, या पूर्ण तरीके से क्षतिग्रस्त हो गये हैं. क्षतिग्रस्त हुए मकान के नुकसान आकलन अभी नहीं किया गया है. इधर, प्रशासन ने बचाव व राहत कार्य तेज कर दिया दिया है. 64 निजी नाव बचाव कार्य में लगाये गये हैं. इस तरह चार प्रखंडों में 130 नावों का परिचालन किया जा रहा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 25 स्थायी राहत शिविर के अलावा 125 से अधिक टेंट लगाये गये हैं.
तटबंधों पर पैनी नजर
बूढ़ी गंडक, गंडक व बागमती नदी के तटबंधों की सुरक्षा के लिए प्रति किलोमीटर पर एक गृह रक्षक की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करते हुए अभियंताओं को पैनी नजर रखने को कहा गया है. इसके लिए डीएम अनुपम कुमार ने कार्यपालक अभियंता जलपथ प्रमंडल मुजफ्फरपुर, कार्यपालक अभियंता बाढ़ व जल निस्सरण लालगंज, कार्यपालक अभियंता बागमती प्रमंडल रून्नीसैदपुर को कई दिशा निर्देश दिया है. जिला समादेष्टा गृह रक्षा वाहिनी व थानाध्यक्ष को सुनिश्चित करने को कहा गया है कि तटबंध की गश्ती व निरीक्षण में लापरवाही तो नहीं बरती जा रही है. बाढ़ क्षेत्र में स्थित सड़कों की सुरक्षा के लिए पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को उचित कदम उठाने का निर्देश दिया है.