मुजफ्फरपुर : पूरबा हवा के झोंके ने मुजफ्फरपुर की शान कही जानेवाली शाही लीची को कुछ इलाकों में नुकसान पहुंचाया है. लगातार पूरबा हवा चलने व बेमौसम बारिश के कारण लीची के फल में कीड़े लग गये हैं. आकार में छोटा होने के साथ-साथ फल फटने भी लगा है. कांटी इलाके में लीची के फल व डंठल में कीड़े लग गयी हैं. किसानों व व्यापारियों को इससे काफी नुकसान हो रहा है. मौसम के मिजाज को देखते हुए किसानों व व्यापारियों ने बगीचों से लीची को तोड़कर बाजार में बेचना शुरू कर दिया है.
इस साल लीची का मंजर भी विलंब से आया है. हर साल 15 जनवरी के बाद लीची के पेड़ में मंजर आते थे, लेकिन इस साल 15 फरवरी के बाद मंजर आये. इसके बाद बेमौसम बरसात ने लीची को काफी नुकसान पहुंचाया है. पूसा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक ए सत्तार ने बताया कि लगातार पूरबा हवा चलने से लीची का ग्रोथ कम हुआ है. जल्द ही कीड़े का प्रभाव पड़ने वाला है. पानी पड़ने व पूरबा हवा चलने के कारण वातावरण में नमी आ गयी है. अधिक नमी से डंठल कमजोर हो जाता है. इससे फल गिरने की आशंका अधिक रहती है. पूरबा व पछुआ, दोनों हवा चलने से लीची का फल बढ़िया होता है. लीची पकने के समय पूरबा हवा जरूरी है. लेकिन, लगातार पूरबा हवा चलना लीची के लिए नुकसानदायक है. वहीं, पकने के समय लगातार पछुआ हवा चलने से फल फटने लगता है.