मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि के कुलपति प्रो अमरेंद्र नारायण यादव की शिकायत करनेवालों को ही निगरानी जेल भेजने की धमकी दे रहा है. यह सनसनीखेज मामला कुछ शिकायतकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री व एडीजी निगरानी को शपथ पत्र भेजने के बाद सामने आया है. इन शिकायतकर्ताओं का कहना है कि बार-बार निगरानी के अधिकारी उन लोगों को
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कुलपति की शिकायत करने वालों को निगरानी दे रहा जेल भेजने की धमकी
मुजफ्फरपुर : बीआरए बिहार विवि के कुलपति प्रो अमरेंद्र नारायण यादव की शिकायत करनेवालों को ही निगरानी जेल भेजने की धमकी दे रहा है. यह सनसनीखेज मामला कुछ शिकायतकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री व एडीजी निगरानी को शपथ पत्र भेजने के बाद सामने आया है. इन शिकायतकर्ताओं का कहना है कि बार-बार निगरानी के अधिकारी उन लोगों […]
कुलपति की शिकायत
परेशान कर रहे हैं.
अधिकारी ने कहा, क्या आप पूरे देश का भ्रष्टाचार ठीक कर देंगे?
शिकायतकर्ताओं ने कहा कि निगरानी विभाग के एक अधिकारी ने जांच के क्रम में पूछताछ के लिए उन्हें बुलाया. इसके बाद अजीब सवाल करने लगे. अधिकारी ने कहा कि पूरे देश में भ्रष्टाचार है. क्या आप उसे ठीक कर देंगे? आपलोग वीसी-रजिस्ट्रार को तंग करने के लिए ऐसा आवेदन देते हैं. अधिकारी ने मुकदमों में फंसाने और जेल भेजने की भी धमकी दी.
ओएमआर सहित कई मामलों में हुई जांच
निगरानी के एसपी सुबोध कुमार विश्वास ने 51 बिंदुओं पर कुलपति व रजिस्ट्रार की जांच की. इसमें बीएड व एमएड में बिना टेंडर ओएमआर सीट की छपाई, दूरस्थ शिक्षा निदेशक की प्रतिनियुक्ति की प्रक्रिया, सीनेट में बीएड कालेजों पर लिये गये निर्णय, अोएमआर सीट कलमबाग चौक पर छपवाये जाने जैसे मामले शामिल हैं.
कुलपति की उम्र भी जांच के घेरे में
जिन बिंदुओं पर निगरानी की जांच हुई, उनमें कुलपति की उम्र भी शामिल है. निगरानी के एसपी ने जांच में पूछा था कि क्या कुलपति वर्ष 2012 में 62 साल के हो चुके थे? इसके बाद भी कैसे वह वर्ष 2015 तक प्राचार्य पद पर काम करते रहे? कुछ सूत्र यह भी बताते हैं कि निगरानी जांच में इन बिंदुओं को सही पाया गया है.
आवेदन देखने के बाद होगी आगे की कार्रवाई : एडीजी
निगरानी के एडीजी सुनील कुमार झा ने बताया कि शिकायतकर्ताओं के आवेदन को उन्होंने पढ़ा नहीं है. आवेदन को पढ़ने के बाद ही वह आगे की कार्रवाई करेंगे.
एक्सक्लूसिव
वीसी के खिलाफ 51 बिंदुओं पर चल रही जांच
बीआरए बिहार विवि के कुलपति के खिलाफ 51 बिंदुओं पर निगरानी की जांच रही है. इसमें भ्रष्टाचार और विश्वविद्यालय नियमों के उल्लंघन के कई मामले हैं. मामला सामने आने पर राजभवन ने कुलपति और रजिस्ट्रार पर निगरानी जांच के निर्देश दिये. Â बाकी
वीसी के खिलाफ
सूत्रों के अनुसार निगरानी ने जांच पूरी कर अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और राजभवन से कुलपति पर मामला चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति भी मांगी है, लेकिन राजभवन से निगरानी को इस बारे में अभी कोई पत्र नहीं मिला है.
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