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30 किमी से ट्रेजरी ऑफिस आने में फाइल को लग गये 12 महीने

मुजफ्फरपुर: सरैया के एपीएचसी गंगोलिया में पदस्थापित डॉ पीयूष कुमार का परमानेंट रजिस्टर अकाउंट नंबर (प्राण) लेकर मुजफ्फरपुर स्थित ट्रेजरी ऑफिस आने में लिपिक को 12 महीने लग गये. यह अकाउंट नंबर 14 नवंबर 2017 को ट्रेजरी में एक्टिवेट करने के लिए दिया गया है, जबकि यह अकाउंट नंबर सरैया पीएचसी में नवंबर 2016 में […]

मुजफ्फरपुर: सरैया के एपीएचसी गंगोलिया में पदस्थापित डॉ पीयूष कुमार का परमानेंट रजिस्टर अकाउंट नंबर (प्राण) लेकर मुजफ्फरपुर स्थित ट्रेजरी ऑफिस आने में लिपिक को 12 महीने लग गये. यह अकाउंट नंबर 14 नवंबर 2017 को ट्रेजरी में एक्टिवेट करने के लिए दिया गया है, जबकि यह अकाउंट नंबर सरैया पीएचसी में नवंबर 2016 में ही बंगलुरु से बन कर आ चुका था.

डॉ पीयूष ने ‘प्रभात खबर’ को विशेष बातचीत में बताया कि उन्होंने स्वास्थ्य केंद्र में 14 मई 2016 को योगदान किया था. उन्होंने सारे कागजात पीएचसी प्रभारी को सौंप दिये थे. योगदान के बाद नवंबर में प्राण कार्ड बन कर पीएचसी में बैगलोर से बन कर आ चुके थे. इसके बाद भी उनके प्राण कार्ड को ट्रेजरी में नहीं भेजा गया.12 महीने तक उनके प्राण कार्ड को पीएचसी में ही रखा गया. इस बीच उन्होंने कई बार पीएचसी प्रभारी डॉ शिव शंकर से अपने वेतन के मद में बात करते रहे. उन्होंने कहा कि पीएचसी प्रभारी ने उनके प्राण को बनवाने के लिये ही लेट से भेजा था. जब प्राण कार्ड बन कर आ गया तो उसे ट्रेजरी में एक्टिवेट के लिये नहीं भेज उसे पीएचसी में ही रोक कर रखा गया.
दस माह तक सीएस व पीएचसी प्रभारी को करते रहे पत्राचार :डॉ पीयूष के वेतन नहीं मिलने पर उन्होंने 10 माह तक सीएस डॉ ललिता सिंह व पीएचसी प्रभारी डॉ शिव शंकर को पत्राचार किया. इस दौरान डॉ पीयूष वेतन के लिये लगातार सीएस डॉ ललिता सिंह व डॉ शिव शंकर के पास दौड़ते रहे. इस दौरान पहली बार में उन्हें यह कहा गया कि उनकी कागजात का सत्यापन किया जा रहा है. इसके बाद फिर उन्हें कहा गया कि पेपर सत्यापन हो चुका है, परमानेंट रजिस्टर एकाउंट नंबर और पे स्लीप अभी नहीं आये है. जिस कारण वेतन में देरी हो रही है. डॉ पीयूष ने कहा कि इस दौरान उन्होंने पीएचसी प्रभारी डॉ शिव शंकर से दर्जनों बार फोन पर अपने वेतन नहीं मिलने की जानकारी भी लेते रहे थे. बावजूद उनके वेतन पर पीएचसी प्रभारी ने कोई ध्यान नहीं दिया.
निरीक्षण को सरैया पहुंची सीएस, लगायी फटकार
सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह ने शनिवार की दोपहर पीएचसी का निरीक्षण किया. ओपीडी, ओटी व परिसर के साथ मरीज कक्ष की सफाई नहीं रहने पर उन्होंने कर्मियों को फटकार लगाई. इसके बाद बहिलवारा गंगोलिया एपीएचसी के चिकित्सक डॉ पीयूष के 19 माह से लंबित वेतन मामले में संचिका तलब की. मौके पर उपस्थित प्रधान लिपिक रमेश चंद्रा ने सीएस को ट्रेजरी बुक के साथ अन्य डॉक्टरों के वेतन संबंधी संचिका प्रस्तुत की. उन्हें बताया कि डॉ पीयूष के अलावे दो अन्य डॉक्टर संजीव पांडेय व डॉ रेणुका रंजन का वेतन प्राण एक्टिवेट नही होने के कारण बंद है. सीएस ने प्रधान लिपिक से सुविधा शुल्क मांगे जाने की भी पूछताछ की.
सीएस ने बताया कि डॉ पीयूष सहित दो अन्य चिकित्सको का वेतन प्राण कार्ड एक्टिवेट नही होने के कारण 19 माह से लंबित है. मामले में जिला कोषागार पदाधिकारी व जिलाधिकारी से मिलकर समस्या का समाधान किया जाएगा .साथ ही बताया कि मामले में यदि निचले स्तर पर कमी उजागर होती है तो कार्रवाई की जाएगी. लोगों की सुविधा को देखते हुए जल्द ही पुराने पीएचसी में नवनिर्मित सीएचसी को तुरंत शुरू किया जाएगा.

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