मुजफ्फरपुर : खनन माफियाओं के बाद राज्य सरकार ने बालू के खुदरा व्यापारियों पर भी नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है. अब बिना लाइसेंस बालू का व्यापार नहीं हो सकेगा. बालू बेचते पकड़े जाने पर संबंधित व्यापारी पर कार्रवाई होगी. लाइसेंस जारी करने का अधिकार डीएम को होगा.
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बालू के खुदरा व्यापार के लिए लेना होगा लाइसेंस
मुजफ्फरपुर : खनन माफियाओं के बाद राज्य सरकार ने बालू के खुदरा व्यापारियों पर भी नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है. अब बिना लाइसेंस बालू का व्यापार नहीं हो सकेगा. बालू बेचते पकड़े जाने पर संबंधित व्यापारी पर कार्रवाई होगी. लाइसेंस जारी करने का अधिकार डीएम को होगा. खनन एवं भूतत्व विभाग ने […]
खनन एवं भूतत्व विभाग ने लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया भी तय कर दी है. प्रधान सचिव केके पाठक ने डीएम को पत्र भेज कर इसकी जानकारी दी है. अब एक व्यापारी को तीन साल के लिए लाइसेंस दिया जायेगा. प्रत्येक साल के लिए 10 हजार रुपये शुल्क लगेंगे. लाइसेंस के लिए आवेदन करते समय ही व्यापारियों को तीनों साल का शुल्क जमा करना होगा.
उनसे एक लाख रुपये सिक्यूरिटी के रूप में लिया जायेगा.
जिले में बालू की आपूर्ति दूसरे जिलों से होती है. सरकार खुद ही जिलावार भाड़ा तय करेगी. सिर्फ बैलगाड़ी से बालू ढुलाई के लिए भाड़ा तय करने की जिम्मेदारी डीएम की होगी. सरकार ने निर्णय लिया है कि बालू की ढुलाई जिन वाहनों से होगी, उसमें जीपीएस व डिजिटल लॉक लगा होना अनिवार्य होगा. अब तक बालू के खुदरा व्यापार पर सरकार का सीधा कंट्रोल नहीं था. इसका फायदा उठाकर व्यापारी टैक्स की चोरी करते रहे हैं.
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