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विदेश से मुंगेर आये लोगों की जांच में उदासीनता, 170 में मात्र 17 का हुआ टेस्ट

मुंगेर : बिहार में कोरोना से पहली मौत विदेश से आये मुंगेर के एक युवक की हुई थी. जिसके बाद पूरे राज्य में खलबली मच गयी और बिहार की नजर मुंगेर पर आकर टिक गयी. बावजूद इसके विदेश से आने वाले लोगों के मामले में मुंगेर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है. विदेश […]

मुंगेर : बिहार में कोरोना से पहली मौत विदेश से आये मुंगेर के एक युवक की हुई थी. जिसके बाद पूरे राज्य में खलबली मच गयी और बिहार की नजर मुंगेर पर आकर टिक गयी. बावजूद इसके विदेश से आने वाले लोगों के मामले में मुंगेर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है. विदेश से आये लोगों की समुचित जांच तक की व्यवस्था नहीं करायी गयी. मुंगेर में प्रशासनिक स्तर पर 170 विदेशियों के आने की सूची है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब तक मात्र 17 विदेशियों का स्वास्थ्य जांच कराया है. पूछने पर विदेशियों के होम क्वरांटाइन में रहने की बात कह कर स्वास्थ्य विभाग अपनी नैया पार लगाने में है. 170 में मात्र 17 विदेशियों की हुई जांच बताया जाता है कि मुंगेर में 170 विदेशी अब तक आ चुके हैं. जिसकी सूची स्वास्थ्य विभाग के पास है.

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पहले तो कोई ध्यान नहीं दिया गया. लेकिन बाद में भारत सरकार ने 10 मार्च के बाद विदेश से आने वाले लोगों की सूची तैयार की.10 मार्च के बाद मुंगेर में विदेश से आने वाले की संख्या 30 थी. जिसकी सूची जिला प्रशासन के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के पास आया. दूसरी सूची 18 मार्च को आया. जिसमें 17 लोगों के विदेश से आने की सूचना देते हुए नाम, पता व मोबाइल नंबर दिया गया. स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 10 मार्च के बाद आने वाले विदेशियों का जांच हुआ या नहीं यह वह नहीं जानता है. लेकिन 18 मार्च के बाद विदेश से आने वाले 17 लोगों का जांच कराया गया और सभी का रिपोर्ट निगेटिव आया. अगर उक्त अधिकारी की माने तो मुंगेर में 10 मार्च के बाद कुल 47 लोग विदेश से मुंगेर आया है. जिसमें 17 की जांच हो पायी है. लेकिन सिविल सर्जन ने जो रिपोर्ट जारी की है. उसमें 170 लोगों के विदेश से आने की बात कही गयी है. जिन सभी विदेशियों को होम क्वरांटाइन में रखा गया है.

अब सवाल उठता है कि 10 मार्च के बाद विदेश से आने वाले 30 लोगों का अब तक क्यों नहीं स्वास्थ्य जांच कराया गया. कोराना संक्रमित की मौत ने खोल दी थी व्यवस्था की पोल स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी की बात पर यदि भरोसा करें तो भी मुंगेर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य महकमा की लापरवाही सामने दिख रही है. 13 मार्च को मुंगेर के चुरंबा निवासी मो. सैफ अली मुंगेर आया था. तीन दिनों तक वह अपने रिश्तेदारों के यहां खूब घूमा. 21 मार्च की रात उसकी मौत पटना में हो गई. शव को भी पटना के सरकारी अस्पताल के चिकित्सक परिजनों को सौंप दिये. लेकिन 22 मार्च को जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार बिचलित हो गयी कि सैफ कोरोना पॉजेटिव था. जिसके कारण उसकी मौत हुई.

डीएम व सिविल सर्जन ने संयुक्त रूप से पहली प्रेस वार्ता में बताया था कि विदेश से आने वालों लोगों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. तो आखिर 13 मार्च को आने वाले सैफ तक स्वास्थ्य महकमा की टीम क्यों नहीं जांच करने पहुंची थी. जो जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल कर रख दिया. जिसके कारण सैफ के चैन में आने से 11 लोग संक्रमित हो गये. बावजूद विदेश से आने वाले लोगों की जांच अब भी सुनिश्चित नहीं हो पायी है.

विदेशों से आये 17 लोगों का कराया गया है जांचमुंगेर. सिविल सर्जन डॉ पुरुषोत्तम कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहां एक ओर चुरंबा निवासी युवक की मौत के बाद उसके संपर्क में आने वाले लोगों और फिर पॉजिटिव पाये गये लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों की सूची बनाकर उनका स्वाब जांच कराया जा रहा है. वहीं लगातार जिले में विदेश और बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर भी नजर रखी जा रही है.

तक जिले में विदेश से आने वाले 170 लोगों की सूची भेजी गयी है. इसमें से 17 लोगों का जांच कराया गया है. सूची में शामिल इन सभी लोगों पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार नजर रखी जा रही है. साथ ही बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को भी जिले में बनाये गये 9 आइसोलेशन वार्ड और 127 कोरोनटाइन वार्डों में रखकर उन पर नजर रखी जा रही है.

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