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12 घंटे भी नहीं आती बिजली

संकट. गरमी में पेयजल के लिए हाहाकार, लोग हलकान मुंगेर में बिजली के लिए हाहाकार मचा है. 24 घंटे में 8 से 12 घंटे तक भी बिजली नहीं मिलती. जबकि राज्य सरकार का दावा है कि जिला मुख्यालय में 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है. बदहाली यह है कि बिजली नहीं रहने के कारण […]

संकट. गरमी में पेयजल के लिए हाहाकार, लोग हलकान

मुंगेर में बिजली के लिए हाहाकार मचा है. 24 घंटे में 8 से 12 घंटे तक भी बिजली नहीं मिलती. जबकि राज्य सरकार का दावा है कि जिला मुख्यालय में 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है. बदहाली यह है कि बिजली नहीं रहने के कारण जहां छोटे-मोटे उद्योग धंधे चौपट हो रहे हैं. वहीं तपिश भरी गरमी से लोग परेशान हैं. खास कर पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है.
मुंगेर : शहर से लेकर गांव तक एक बार फिर बिजली संकट गहरा गया है. विद्युत विभाग द्वारा की जा रही बिजली कटौती से शहर सहित ग्रामीण अंचलों में हाहाकार मचा है. मंगलवार को शहर में पूर्वाह्न से ही बिजली घंटों-घंटों गुल रही. फलत: मुख्य बाजार सहित पूरे शहर में बिजली गायब रहने के कारण लोग परेशान रहे.
शहर के व्यावसायिक प्रतिष्ठान, निजी व सरकारी कार्यालय तथा बैंक का कामकाज जेनेरेटर के भरोसे संचालित हुआ. शाम होते ही शहर अंधेरे में डूब गया और चारों जेनेरेटर की कर्कश ध्वनि से वातावरण गूंजता रहा.
विभाग कह रही 8 घंटे शेडिंग की बात
विभाग की मानें, तो पूरे बिहार में बिजली संकट उत्पन्न हुआ है. मुंगेर को पर्याप्त मात्रा में बिजली मिल रही है. लेकिन 8 घंटे की लोड शेडिंग होती है. रोटेशन के आधार पर फीडर को बिजली दी जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह, दोपहर, शाम एवं रात मिला कर 8 घंटे बिजली काटी जाती है. लेकिन विभाग का यह दावा झूठा है. क्योंकि 12 से 14 घंटे ही बिजली लोगों को मिल पा रही है. कहा जा रहा है केंद्र सरकार द्वारा 15 प्रतिशत एवं बिहार सरकार स्तर पर 40 प्रतिशत बिजली घाटे में चल रही है.
इसी गैपिंग को भरने के लिए सरकार की पॉलिसी के तहत बिजली में कटौती की जा रही है. विभाग की मानें तो बीआरजीएफ फेज-2, पंडित दीन दयाल उपाध्याय योजना, ओपीडीएस योजना के साथ विभिन्न क्षेत्रों में जर्जर तार व पोल बदलने का काम एजेंसी द्वारा किया जाता है. जिसके कारण भी लोड शेडिंग की जाती है.
पानी के लिए मारामारी
वर्तमान समय में पानी की व्यवस्था पूरी तरह विद्युत चालित मोटर पर आधारित है. सरकार व नगर निगम द्वारा लगाया गया समरसेबुल सह प्याऊ हो या घरों में लगा समरसेबुल सबका संचालन बिजली पर ही है. बिजली संकट के कारण लोगों के समक्ष पानी की समस्या विकराल हो रही है. क्योंकि जितना पानी टंकी में संग्रह कर रखा जाता है वह पर्याप्त नहीं हो पाता. लगातार बिजली कटे रहने से इनवर्टर भी लोगों को साथ नहीं दे रहा.
कहते हैं पदाधिकारी
विद्युत कार्यपालक अभियंता विनोद प्रजापति ने कहा कि सरकार की पॉलिसी के तहत लोड शेडिंग की जाती है. जबकि विभिन्न योजनाओं का कार्य भी चल रहा है. इस कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है.
एक सप्ताह से बरकरार है इलेक्ट्रिसिटी की समस्या
मंगलवार को मुंगेर टाउन फीडर के कई क्षेत्रों में सुबह 11 :30 बजे से ही बिजली का कटना जारी हो गया. घंटों बिजली गुल रह रही. इस कारण चौक बाजार, बड़ा बाजार, जैन धर्मशाला, बेकापुर, गुलजार पोखर, गांधी चौक, शादीपुर, दिलावरपुर, छोटी केलावाड़ी, तोपखाना बाजार सहित पूरे क्षेत्र में बिजली गायब रही.
हालत यह है कि अहले सुबह, दोपहरी, शाम एवं रात में भी घंटों-घंटों बिजली काट दी जाती है. इधर ग्रामीण क्षेत्रों का भी हाल बेहाल है. नंदलालपुर फीडर से टीवी टावर, सीताकुंड, पूरसबराय, ब्रह्मस्थान सहित अन्य क्षेत्रों में 24 घंटे में 12 घंटे ही बिजली मिल रही है.

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