हवेली खड़गपुर : चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के अवसर पर बुधवार को हवेली खड़गपुर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. सभा में गांधीवादियों ने नगर के संत टोला स्थित बापू की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें स्मरण किया. इस अवसर पर वयोवृद्ध गांधीवादी जेपी सेनानी रविंदर को अंग-वस्त्र देकर सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो उमेश कुंवर उग्र ने की. जबकि संचालन शशि सौरभ ने किया. प्रो उमेश कुंवर ने कहा कि आजादी के दिन 18 अप्रैल 1917 को महात्मा गांधी ने नीलहे अंग्रेजों के द्वारा किसानों के शोषण के विरुद्ध मोतिहारी में सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ किया गया था और बेल बांड देकर जमानत लेने से इनकार कर दिया था. यही चंपारण आंदोलन, स्वतंत्र आंदोलन के लिए मील का पत्थर साबित हुआ.
उन्होंने कहा कि खड़गपुर के हरि सिंह ने चंपारण के किसान नेता राजकुमार शुक्ल की तरह दरभंगा राज के तत्कालीन अंग्रेज मैनेजर द्वारा किसानों के शोषण के विरुद्ध 1927 में सत्याग्रह एवं अहिंसक आंदोलन प्रारंभ किया था. उनके आग्रह पर महात्मा गांधी एवं माता कस्तूरबा का खड़गपुर की धरती पर पुनीत आगमन हुआ था. उन्होंने कहा कि हरि सिंह ने उनके मेजबानी की थी. उनके सौजन्यता से महात्मा गांधी द्वारा खड़गपुर के झील पर नेशनल स्कूल की स्थापना की गयी थी,
जो बिहार का तीसरा नेशनल स्कूल था वर्तमान में वह संस्था राजकीय प्लस टू उच्च विद्यालय के नाम से जाना जाता है. हवेली खड़कपुर की धरती से महात्मा गांधी एवं कस्तूरबा गांधी का ऐतिहासिक आत्मिक संबंध है. इस अवसर पर पूर्व मुख्य पार्षद ब्रह्मदेव चौधरी, पंकज सिंह, शैलेश कुमार, अनिल कुमार, सुनील कुमार, विशुनदेव बिन्द, संजय पासवान, विजय राय सहित अन्य मौजूद थे.