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सिम कार्ड खरीदने में होता है उपयोग

खुलासा. फर्जी दस्तावेज निर्माण का हब बनता जा रहा मुंगेर मुंगेर न सिर्फ अवैध हथियार निर्माण बल्कि फर्जी दस्तावेज निर्माण का केंद्र बनता जा रहा है. यहां फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर मतदाता वोटर पहचान पत्र, वाहनों के पंजीकरण कार्ड, पैन कार्ड, एलपीसी सहित विभिन्न प्रकार के आय, आवासीय व जाति प्रमाण पत्र जाली बनाये […]

खुलासा. फर्जी दस्तावेज निर्माण का हब बनता जा रहा मुंगेर

मुंगेर न सिर्फ अवैध हथियार निर्माण बल्कि फर्जी दस्तावेज निर्माण का केंद्र बनता जा रहा है. यहां फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर मतदाता वोटर पहचान पत्र, वाहनों के पंजीकरण कार्ड, पैन कार्ड, एलपीसी सहित विभिन्न प्रकार के आय, आवासीय व जाति प्रमाण पत्र जाली बनाये जा रहे हैं. हाल यह है कि प्रशासन के नाक के नीचे और प्रशासनिक परिसर में भी यह फर्जीवाड़ा वर्षों से संचालित हो रहा है. अब जबकि प्रशासनिक परिसर में इस जालसाजी का खुलासा हुआ है तो अधिकारियों के होश उड़ गये हैं.
मुंगेर : मुंगेर में फर्जी प्रमाण पत्र व विभिन्न प्रकार के कार्ड व्यापक स्तर पर बनाये जाते रहे हैं. पूर्व में भी जब फर्जी वोटर आइ कार्ड बनाने की शिकायत मिली थी तो तत्कालीन एसडीओ महेश कुमार दास ने कासिम बाजार थाना क्षेत्र के चुआबाग में एक स्टूडियो पर छापेमारी कर सैकड़ों की संख्या में फर्जी वोटर आइ कार्ड एवं आय, आवासीय, जाति प्रमाण पत्र बरामद किया था. सरकार के निर्देश के आलोक में जब पुलिस ने ऑपरेशन दलाल चला था तो डीटीओ कार्यालय के समीप ही मिनी डीटीओ कार्यालय का भंडाफोड़ हुआ था. फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस एवं वाहनों के अन्य कागजात लोग विभाग से नहीं बल्कि बिचौलियों के माध्यम से ही बनाते थे
इतना ही नहीं सदर प्रखंड में फर्जी जाति, आवासीय एवं आय प्रमाण पत्र बनाने वाले बिचौलियों को गिरफ्तार किया था. एक-डेढ वर्ष पूर्व कुछ अल्पसंख्यक छात्राओं ने छात्रवृत्ति के लिए आय, आवासीय प्रमाण पत्र अल्पसंख्यक कार्यालय में जमा किया था जो जांच में फर्जी पाया गया था. जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी मो खिलाफत अंसारी से छात्राओं के बताये अनुसार पूरसबराय ओपी क्षेत्र के बसंती तालाब के समीप विद्या बुक डिपो पर छापेमारी कर वहां भारी मात्रा में आय, आवासीय, जाति एवं वोटर आइ कार्ड बरामद किया था. इस मामले में फर्जी आइ कार्ड बनाने वाले देवन यादव को भी गिरफ्तार किया गया था. जबकि तीन वर्ष पूर्व पूरबसराय ब्रह्मस्थान के समीप फोटो स्टेट की दुकान में छापेमारी कर फर्जी आइ कार्ड सेंटर का खुलासा किया गया था.
फल-फूल रहा गोरखधंधा
मुंगेर में फर्जी डीएल व आइ कार्ड बनाने का धंधा फल-फूल रहा है. अधिकांश लोग जहां सीम कार्ड खरीदने में इस कार्ड का उपयोग करते है. वहीं भीड़ से बचने के लिए छात्र-छात्रा आसानी से दलालों के हाथों आय, आवासीय, जाति व वोटर आइ कार्ड बनाने के लिए देते हैं. दलाल सरकारी स्तर पर नहीं बल्कि खुद संबंधित अधिकारियों का फार्मेट पर मुहर व हस्ताक्षर कर आइ कार्ड बना देते है. हद तो यह है कि ड्राइविंग, रजिस्ट्रेशन व ऑनर बुक का स्मार्ट कार्ड भी आसानी से तैयार कर लोगों को यह कहते हुए उपलब्ध करा देते हैं कि यह विभाग से बनाया हुआ है. जिसके कारण लोग आसानी से दलालों के चंगुल में फंस जा रहे है. माना जाता है कि अगर ड्राइविंग लाइसेंस की जांच हो जाये तो 30 से 40 प्रतिशत ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी मिलेगा. ये लोग फर्जी आइडी बनाने में माहिर है. इंजन व चैंचिस नंबर किसी का और नाम किसी और का. ये लोग हू-ब-हू ड्राइविंग लाइसेंस, परमिट, ऑनर बुक, वाहन रजिस्ट्रेशन का स्मार्ट कार्ड तैयार करते है. जिसके कारण इनके पास कार्ड बनाने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है. इतना ही नहीं फर्जी वोटर आइ कार्ड, आय, आवासीय एवं जाति प्रमाण पत्र भी बनाया जाता है. न जाने इन लोगों ने अबतक कितने लोगों को फर्जी कागजात बना कर दे रखा है. जिला परिवहन पदाधिकारी को भी बुलाकर जब्त दस्तावेज की जांच करायी गयी तो सभी डीएल, रजिस्ट्रेशन व ऑनर बुक का कार्ड फर्जी पाया गया.

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