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नये आइसीयू में पहुंचा मरीज, पटना रेफर

लापरवाही. आइसीयू में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक नहीं थे मौजूद, डीएम का आदेश बेअसर गुरुवार को जब आपात स्थिति में सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से शहर के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी रोगी को नये आइसीयू में भेजा गया तो वहां चिकित्सक ही मौजूद नहीं थे. अफरा-तफरी व उच्च स्तरीय पैरवी के बाद कुछ चिकित्सक पहुंचे […]

लापरवाही. आइसीयू में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक नहीं थे मौजूद, डीएम का आदेश बेअसर

गुरुवार को जब आपात स्थिति में सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से शहर के एक प्रतिष्ठित व्यवसायी रोगी को नये आइसीयू में भेजा गया तो वहां चिकित्सक ही मौजूद नहीं थे. अफरा-तफरी व उच्च स्तरीय पैरवी के बाद कुछ चिकित्सक पहुंचे और प्राथमिक उपचार के बाद रोगी को पटना रेफर कर दिया गया.
मुंगेर : मुंगेर में स्वास्थ्य व्यवस्था हम नहीं सुधरेंगे के तर्ज पर काम कर रहा है. तभी तो सदर अस्पताल में चौथी बार प्रारंभ हुए आइसीयू महज चार दिनों में ही अपने पुराने ढर्रे पर पहुंच गया. उद‍्घाटन के समय जिला पदाधिकारी उदय कुमार सिंह ने सिविल सर्जन एवं अस्पताल उपाधीक्षक को यह सख्त निर्देश दिया था कि आइसीयू में रोस्टर के अनुसार 24 घंटे चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहेंगे. लेकिन जिलाधिकारी के निर्देश का स्वास्थ्य विभाग ने एक सप्ताह तक भी अमल नहीं किया. फलत: जब गुरुवार को शहर के व्यवसायी संजय कुमार खेतान को गंभीर अवस्था में इमरजेंसी वार्ड से आइसीयू भेजा गया तो वहां
चिकित्सक मौजूद नहीं थे और इलाज प्रारंभ होने में काफी विलंब हुआ. शहर के बेकापुर निवासी व्यावसायी संजय कुमार खेतान की गुरुवार को अचानक तबियत बिगड़ गयी़ उसे परिजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भरती कराया़ जहां ड्यूटी पर तैनात डॉ आसीम कुमार ने मरीज के ब्रेन हेम्ब्रेज की संभावना जतायी तथा उसे आइसीयू भेज दिया़
मरीज को जब आइसीयू ले जाया गया तो वहां कोई चिकित्सक मौजूद नहीं थे. रोस्टर के अनुसार उस समय डॉ रामप्रवेश प्रसाद की ड्यूटी थी़ काफी देर बाद डॉ रमन कुमार आइसीयू पहुंचे तथा मरीज को गंभीर देख उसे पटना रेफर कर दिया़ हालांकि कुछ देर बाद डॉ के रंजन भी आइसीयू पहुंचे. जिन्होंने मरीज का इलाज आइसीयू में करने की सहमती जतायी़ किंतु बदहाल व्यवस्था तथा चिकित्सकों के हाँ-न भंवरजाल में परिजनों ने मरीज को पटना ले जाना ही बेहतर समझा़
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि ड्यूटी रोस्टर पर सिविल सर्जन का हस्ताक्षर नहीं होने के कारण उन्होंने संबंधित चिकित्सकों को रोस्टर की चिट्ठी नहीं दी है. हालांकि मरीज के पहुंचते ही वहां चिकित्सक को भेजा गया़ किंतु मरीज को परिजनों ने पटना ले जाने की बात कही. उसी कारण उसे पटना भेज दिया गया.

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