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मार्च के प्रथम सप्ताह में आइसीयू व पोस्टमार्टम हाउस का उद्घाटन

तीन बार आइसीयू के उद्घाटन के बाद विभिन्न अड़चनों की वजह से यह चालू नहीं हो सका. लेकिन इस बार इसके चालू होने की पूरी उम्मीद है. वेंटिलेटर की प्रॉब्लम दूर कर ली गयी है. वहीं नये पोस्टमार्टम हाउस की शुरुआत होने से शवों की रक्षा हो सकेगी. मुंगेर : जिलेवासियों को अब आइसीयू सेवा […]

तीन बार आइसीयू के उद्घाटन के बाद विभिन्न अड़चनों की वजह से यह चालू नहीं हो सका. लेकिन इस बार इसके चालू होने की पूरी उम्मीद है. वेंटिलेटर की प्रॉब्लम दूर कर ली गयी है. वहीं नये पोस्टमार्टम हाउस की शुरुआत होने से शवों की रक्षा हो सकेगी.
मुंगेर : जिलेवासियों को अब आइसीयू सेवा के लिए अधिक समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा़ अस्पताल उपाधीक्षक डॉ राकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि वेंडीलेटर खराब होने के कारण आइसीयू का उद्घाटन नहीं हो पा रहा था, लेकिन लगभग पांच लाख की लागत से नये वेंटिलेटर की खरीदारी हो चुकी है़ अब इसे सिर्फ इंस्टॉल किया जाना बांकी रह गया है, जो दो- चार दिनों के भीतर हो जायेगा़ उन्होंने बताया कि मार्च के प्रथम सप्ताह में ही आइसीयू का उद्घाटन कर दिया जायेगा़ इसके अलावा नये पोस्टमार्टम हाउस का भी उद्घाटन आइसीयू के साथ- साथ एक ही दिन किया जायेगा़ नये पोस्टमार्टम हाउस के हस्तांतरण कार्य भी पूरा कर लिया गया है़
तीन बार हो चुका है आइसीयू का उद्घाटन
लगभग 10 वर्ष पूर्व सदर अस्पताल के कैदी वार्ड के समीप आइसीयू का उद्घाटन किया गया था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता के कारण उद्घाटन के बाद भी इसे मरीजों के लिए चालू नहीं किया गया़ काफी दिन आइसीयू के मशीनों का उपयोग नहीं होने के कारण कई मशीने खराब हो गयी़ जिसे ठीक करवाकर पुन: आइसीयू का उद्घाटन किया गया, लेकिन इसके बाद भी आइसीयू में मरीजों को भरती नहीं किया गया़ काफी लंबे समय तक आइसीयू का उपयोग नहीं होने से यहां पर रखी मशीने फिर से खराब हो गयी़
जिसे तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ जवाहर प्रसाद सिंह के पहल पर ठीक करवाया गया तथा वर्ष 2015 के 27 फरवरी को तत्कालीन जिलाधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा आई हॉस्पीटल के समीप आइसीयू का पुन: उद्घाटन किया गया, लेकिन दुर्भाग्य यह है कि इस बार भी उद्घाटन के बाद अब तक आइसीयू में एक भी मरीज को भरती नहीं किया जा सका है़ हाल यह है कि जिस भवन में आइसीयू को स्थापित किया गया, उस भवन में अब आइसीयू का नामों- निशान तक नहीं रहने दिया गया है़ इस भवन में फिलहाल एसएनसीयू चल रहा है़
गंभीर मरीजों के लिए जीवनदायी है आइसीयू
आइसीयू असल में एक तरह का खास कक्ष होता है, जिसमें तमाम तरह के अत्याधुनिक जीवन रक्षा उपकरण मौजूद होते हैं. जिसकी मदद से गंभीर रोग या ट्रोमा की स्थिति में आये मरीज को बचाया जा सकता है़ आइसीयू में हर तरह के रोग के अनुसार विशेष मशीने होती है और मरीजों की स्थिति पर बड़ी बारीकी से नजर रखी जाती है़ इसके लिए आइसीयू में वेंटीलेटर, इलेक्ट्रोनसीफेलोग्राफी, इइजी बॉक्स, डायलासिस, सेंट्रल लाइन, पल्स ऑक्सीटोमीटर, इंटरकर्नियल प्रेशर मॉनिटर, कंप्रेशन बूट्स, बेडसाईड मॉनिटर, आइवी पंपफीडिंग ट्यूब सहित और भी छोटी- छोटी मशीने रहती है़ जिसकी मदद से यहां पर मौजूद चिकित्सक गंभीर से गंभीर मरीजों को बचाने में सफल हो पाते हैं. हालांकि वर्तमान समय में कई मशीने खराब पड़ी हुई है़
एसी होगा पोस्टमार्टम हाउस
नया पोस्टमार्टम हाउस पूरी तरह वातानुकूलित होगा, जहां मुर्दों को अधिक समय तक रखने के लिए फ्रीजर की व्यवस्था भी होगी़ फिलहाल प्रसव केंद्र के समीप पुराने पोस्टमार्टम हाउस में ही शवों का पोस्टमार्टम किया जा रहा है़ जहां शव को सुरक्षित रखे जाने की पूरी व्यवस्था नहीं है़
यहां पर अधिक समय तक शव को रखने के लिए फ्रीजर भी उपलब्ध नहीं है़ मुख्य द्वार बंद रहने के बावजूद भी इसके अंदर आवारा कुत्तों का प्रवेश हो जाता है, जो कई बार शवों को जूठा तक कर चुका है़

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