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रणवीर समर्थकों से पटा परिसर

उम्रकैद. पति को आजीवन कारावास की सजा सुन रो पड़ीं दोनों पत्नियां पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद खगड़िया की विधायक पूनम देवी व रणवीर यादव की दूसरी पत्नी कृष्णा रो पड़ीं. उसके परिजन उसे ढांढ़स दिलाते हुए न्यायालय परिसर से बाहर निकाला. इस दौरान जहां समर्थकों की भीड़ लगी थी. […]

उम्रकैद. पति को आजीवन कारावास की सजा सुन रो पड़ीं दोनों पत्नियां

पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद खगड़िया की विधायक पूनम देवी व रणवीर यादव की दूसरी पत्नी कृष्णा रो पड़ीं. उसके परिजन उसे ढांढ़स दिलाते हुए न्यायालय परिसर से बाहर निकाला. इस दौरान जहां समर्थकों की भीड़ लगी थी. समर्थकों ने रणवीर यादव जिंदाबाद के नारे भी लगाये. वैसे न्यायालय परिसर में जब समर्थकों ने नारा लगाना प्रारंभ किया, तो मौजूद पुलिस पदाधिकारी व अधिवक्ताओं ने समर्थकों को नारा लगाने से रोका.
मुंगेर : अपने चचेरे भाई की हत्या के मामले में दोषी करार दिये गये पूर्व विधायक रणवीर यादव को सजा के लिए 3 जनवरी की तिथि मुकर्रर थी. इसे लेकर खगड़िया व मुंगेर जिले के विभिन्न क्षेत्रों से उनके समर्थकों की भारी भीड़ न्यायालय परिसर में मौजूद थी. केस की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम पीसी चौधरी के न्यायालय में चल रही थी.
इसलिए न्यायालय परिसर के बाहर लगातार समर्थकों की भीड़ बढ़ती जा रही थी. न्यायालय की कार्रवाई प्रारंभ होने पर पूर्वाह्न में ही सजा की बिंदु पर बचाव पक्ष एवं अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं ने बहस किया और अपनी-अपनी बातों को रखा. लेकिन सजा अपराह्न लगभग ढाई बजे सुनाया गया. इस दौरान न्यायालय परिसर में रणवीर यादव की विधायक पत्नी पूनम देवी सहित बड़ी संख्या में परिजन भी मौजूद थे.
विशेष वाहन से लाया गया न्यायालय : रणवीर यादव को दोपहर बाद लगभग डेढ़ बजे विशेष वाहन से मुंगेर मंडलकारा से न्यायालय लाया गया. बीआर 09 आर /2785 नंबर के ” स्पेशल पर्पस व्हेकिल ” से उसे लाया गया. आगे और पीछे टाइगर मोबाइल उसका स्काउट कर रहा था. वाहन को सीधे न्यायालय भवन के गेट पर ले जाया गया जहां समर्थकों की भारी भीड़ लगी थी. वाहन से उतरते ही रणवीर यादव ने अपने समर्थकों का हाथ जोड़ कर अभिवादन किया और फिर सुरक्षा घेरे में न्यायालय चला गया. बताया जाता है कि परिजनों ने रणवीर यादव को निजी वाहन से न्यायालय ले जाने का अनुरोध किया था. किंतु जेल मैनुअल व सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस अधीक्षक ने उसे स्वीकार नहीं किया. उसे विशेष वाहन से ही न्यायालय ले जाया गया.
12:30 बजे पहुंची पत्नी पूनम : विधायक पूनम देवी अपने पांच गाड़ियों के साथ अपराह्न 12:30 बजे किला में प्रवेश किया और आंबेडकर चौक होते हुए जेल गेट पहुंची. लगभग 15 मिनट के इंतजार के बाद वह अंदर पति से जाकर मिली. बाद में जब रणवीर यादव को विशेष वाहन से न्यायालय लाया जा रहा था तो वे भी अपने वाहन पर सवार होकर न्यायालय परिसर के गेट तक पहुंची. जहां वाहन को बाहर में ही रोक दिया गया. बाद में वे अपने समर्थकों के साथ पैदल न्यायालय पहुंची.
सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम : पूर्व विधायक को सजा सुनाये जाने के बाद किसी प्रकार की विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो इसे लेकर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की गयी थी. न्यायालय परिसर में किसी भी निजी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया था. जबकि एएसपी ललित मोहन शर्मा, मेजर अरविंद शर्मा, कासिम बाजार थानाध्यक्ष बालकृष्ण यादव एवं वासुदेवपुर ओपी प्रभारी प्रियरंजन सुरक्षा को लेकर न्यायालय परिसर में मुश्तैद थे. जबकि न्यायालय परिसर के बाहरी क्षेत्रों की सुरक्षा मुख्यालय डीएसपी विश्वनाथ राम संभाल रहे थे.
पत्नी के साथ न्यायालय से बाहर निकलते रणवीर यादव.
…. और रो पड़ीं विधायक
न्यायालय द्वारा रणवीर यादव के आजीवन कारावास की सजा सुनाये जाने के बाद उनकी विधायक पत्नी पूनम देवी अपने आपको रोक नहीं पायी और रोने लगी. उनको रोती देख कर बेटी भी रोने लगी. इसके साथ ही रणवीर यादव की दूसरी पत्नी कृष्णा के साथ ही उनके परिजनों की आंखों से भी आंसू निकल रहे थे. लेकिन परिजन ढांढ़स बंधाते हुए पूनम एवं कृष्णा को न्यायालय परिसर से बाहर निकाला और न्यायालय परिसर से बाहर लगे उनके वाहन पर बैठाया. थोड़ी देर के लिए पूरा वातावरण गमगीन होकर रूक-सा गया. उसके बाद फिर गहमागहमी बढ़ गयी.

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