जमालपुर : स्वतंत्र भारत के संविधान निर्मात्री समिति के अध्यक्ष भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर मंगलवार को रेलनगरी जमालपुर में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किये गये. रेल इंजन कारखाना जमालपुर के प्रशासनिक भवन में इसके लिए एक सादे समारोह का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता मुख्य कारखाना प्रबंधक […]
जमालपुर : स्वतंत्र भारत के संविधान निर्मात्री समिति के अध्यक्ष भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर मंगलवार को रेलनगरी जमालपुर में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किये गये. रेल इंजन कारखाना जमालपुर के प्रशासनिक भवन में इसके लिए एक सादे समारोह का आयोजन किया गया.
जिसकी अध्यक्षता मुख्य कारखाना प्रबंधक अनिमेष कुमार सिन्हा ने की. इसमें बाबा साहेब के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर कारखाना के वरीय रेल अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विभिन्न मान्यता प्राप्त रेल मजदूर यूनियनों के प्रतिनिधियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. मौके पर डिप्टी सीएओ पीके राय, डब्लूएओ सुनील कुमार, डीटीइ ताराचंद, डब्लूएम वैगन सिरिल टेटे, डिप्टी सीएमएम अनुभव चौधरी उपस्थित थे.
एससीएसटी यूनियन ने बाबा साहेब को किया नमन
एससीएसटी रेलवे इम्प्लॉयज एसोसिएशन के तत्वावधान में मंगलवार को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का 61 वां महापरिनिर्वाण दिवस शाखाध्यक्ष टूड़ा मुरमू की अध्यक्षता में मनाया गया. पदाधिकारयों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. सचिव चांदसी पावान ने कहा कि बाबा साहेब द्वारा व्यवस्थित आरक्षण अब दलित, पिछड़ा एवं आदिवासियों से छीना जा रहा है. आरक्षण समाप्त करने के लिए कभी संविधान संशोधन तो कभी कोर्ट केस किया जा रहा है, जिससे लगता है कि बाबा साहेब का सपना अधूरा ही रह जायेगा. इसे बरकरार रखने के लिए हमें तन मन और धन से लड़ाई लड़नी होगी.
मौके पर पवन कुमार रजक, मनोज कुमार, शिवशंकर दास, योगेंद्र दास, सतीश, भारती, मुकेश पासवान, उमाकांत, ज्वाला प्रसाद तथा प्रमोद पासवान मुख्य रूप से उपस्थित थे. इधर नगर परिषद परिसर में मंगलवार को सफाई मजदूर कर्मचारी संघ ने बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष प्रमोद पासवान ने की. मुख्य अतिथि मुंगेर जिला एससीएसटी कर्मचारी संघ के सचिव संजीव कुमार थे. उन्होंने कहा कि डा आंबेडकर ने जो शिक्षित बनो, संगठित रहो तथा संघर्ष करो का मूलमंत्र दिया है, आज के परिवेश में हमें आत्मसात करने की आवश्यकता है.