गतिरोध. 5144 मिट्टी के नमूनों की हुई जांच, 8,414 नमूनों का लक्ष्य
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मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड में मुंगेर पीछे
गतिरोध. 5144 मिट्टी के नमूनों की हुई जांच, 8,414 नमूनों का लक्ष्य आगामी 5 दिसंबर को विश्व मिट्टी दिवस मनाया जायेगा़ इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है़ पर दुर्भाग्य है कि जिले के किसानों को अबतक मिट्टी स्वास्थ्य जांच कार्ड नहीं मिल पाया है. इससे किसान अपने खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता से पूरी […]
आगामी 5 दिसंबर को विश्व मिट्टी दिवस मनाया जायेगा़ इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है़ पर दुर्भाग्य है कि जिले के किसानों को अबतक मिट्टी स्वास्थ्य जांच कार्ड नहीं मिल पाया है. इससे किसान अपने खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता से पूरी तरह अनभिज्ञ है़ं
मुंगेर : कृषि विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में मिट्टी के कुल 8414 नमूने की जांच का लक्ष्य रखा था. इसके विरुद्ध मात्र 5144 नमूने ही संग्रह हुए हैं. जिला कृषि पदाधिकारी का दावा है कि मिट्टी दिवस पर 5 दिसंबर को जिले के 30,860 किसानों को मिट्टी कार्ड उपलब्ध करा दिया जायेगा.
50,484 किसानों को दिया जाना है जांच कार्ड: मुंगेर जिले में मिट्टी स्वास्थ्य जांच के लिए कुल 8414 स्थानों से मिट्टी के नमूने लिये जाने हैं और उसके आधार पर 50,484 किसानों को मिट्टी कार्ड उपलब्ध कराया जाना है.
मामले में कृषि विभाग फिसड्डी साबित हुआ है. अबतक जिले के एक भी किसान को मिट्टी कार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है. अलबत्ता 5144 नमूने भले ही संग्रह हुए हैं. कृषि विभाग के अनुसार सिंचित भूमि के लिए 2.5 हेक्टेयर तथा असिंचित भूमि के लिए 10 हेक्टेयर के एक-एक प्लाट से एक-एक नमूना लिया जाता है. नमूने के लिए चयनित भूमि के सीमा के भीतर पाये जाने वाले सभी खेतों की उर्वरा शक्ति समान मानी जाती है. नमूने के जांचोपरांत चयनित भूमि के सीमा में पड़ने वाले किसानों को इसी के आधार पर मिट्टी स्वास्थ्य जांच कार्ड उपलब्ध कराया जायेगा़
मायूस हैं किसान, नहीं मिला जांच कार्ड
नमूना संग्रह का डेडलाइन हो चुकी है खत्म
कृषि विभाग द्वारा 30 नवंबर तक मिट्टी जांच के लिए नमूनों का संग्रह करने की डेड लाइन निर्धारित की गयी थी, जो पूरी हो चुकी है़ चालू वित्तीय वर्ष में जिले में 8414 स्थानों के मिट्टी जांच का लक्ष्य निर्धारित किया है़ पर अबतक जिले भर में सिर्फ 5144 नमूनों का ही जांच हो पायी है़ हालांकि अब लगभग खेतों में रबी फसल की बुआई हो चुकी है़ खेतों में रसायनिक खादों का भी प्रयोग होने लगा है़ ऐसे में बांकी के खेतों से मिट्टी स्वास्थ्य जांच कार्ड तैयार करने के लिए मिट्टी का नमूना नहीं लिया जा सकता़ वहीं खेतों के खाली होने की यदि बात की जाये तो इसमें कम से कम मार्च तक का समय निश्चित रूप से लग जायेगा़ तब तक चालू वित्तीय वर्ष का समय ही समाप्त हो जायेगा़ इससे अब यह तय माना जा रहा है कि जिले भर के बांकी 3270 नमूनों का संग्रह भी नहीं हो पायेगा़
कहते हैं जिला कृषि पदाधिकारी
जिला कृषि पदाधिकारी केके वर्मा ने कहा कि पांच दिसंबर को विभिन्न प्रखंडों में शिविर का आयोजन कर 30,860 किसानों के बीच मिट्टी स्वास्थ्य जांच कार्ड का वितरण किया जायेगा़ कृषि समन्वयकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मिट्टी के नमूना संग्रह का कार्य प्रभावित हुआ है़
कैसे स्वस्थ रहेगा पर्यावरण
कृषि विभाग का मानना है कि किसानों को मिट्टी स्वास्थ्य जांच कार्ड उपलब्ध करा दिये जाने तथा उन्हें उनके खेतों में उर्वरक के संतुलित प्रयोग के लिए प्रशिक्षित किया जा सकेगा. इससे फसलों के पैदावार में बढ़ोतरी होगी और जमीन की उर्वरा शक्ति भी कायम रहेगा. खेतों में अत्यधिक रसायनिक खादों के प्रयोग पर लगाम लगेगी तथा पर्यावरण भी स्वस्थ रहेगा, पर ऐसा तभी संभव हो पायेगा, जब किसानों के पास मिट्टी स्वास्थ्य जांच कार्ड उपलब्ध हो पायेगा़ जिले में मिट्टी स्वास्थ्य जांच कार्य की वर्तमान स्थिति को देख यह पता लगाया जा सकता है कि चालू वित्तीय वर्ष में यह कार्य कार्यक्रम अधर में ही अटका रह जोगा़
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