सदर अस्पताल के पुराने इमरजेंसी वार्ड में शनिवार को एक अज्ञात महिला की मौत इलाज के अभाव में हो गयी़ मौत के 24 घंटे बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने महिला के शव को वार्ड से नहीं हटाया है.
मुंगेर : लगभग 60 वर्षीय एक अज्ञात महिला दो महीने से अस्पताल का चक्कर लगा रही थी़ वह प्रतिदिन अस्पताल के विभिन्न विभागों में इस उद्देश्य से चक्कर लगाते रहती थी कि कोई उसका इलाज कर देगा, पर उस महिला पर न तो किसी चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों ने ध्यान दिया और न ही अस्पताल प्रबंधन ने. और शनिवार को महिला ने पुराने इमरजेंसी वार्ड के बेड पर दम तोड़ दिया़ हैरत की बात तो यह है कि महिला के मौत के 24 घंटे बाद तक उसके शव को वहां से उठाया तक नहीं गया, जबकि वहां से पांच कदम की दूरी पर ही इमरजेंसी वार्ड स्थित है़
दो महीने में तीन की मौत: दो महीने के भीतर सदर अस्पताल में तीन अज्ञात की मौत हो चुकी है़ प्रत्येक मौत के पीछे अस्पताल प्रबंधन की अनदेखी सामने आयी है़ विदित हो कि 5 सितंबर को आइसोलेशेन वार्ड में एक अज्ञात वृद्ध ने इलाज के अभाव में अपना दम तोड़ दिया था़ छह सितंबर को एक अन्य अज्ञात वृद्ध इलाज के आस में पुरुष सर्जिकल वार्ड के समीप नाले के पास बेसुध पड़ा हुआ था़ उसके संबंध में अगले दिन खबर प्रकाशित होते ही वृद्ध को इमरजेंसी वार्ड में भरती कराया गया़ पर उसके इलाज के नाम पर महज खानापूर्ति की गयी. वृद्ध ने दम तोड़ दिया़ अबतक तीन अज्ञात की मौत अस्पताल प्रबंधन की अनदेखी से हो चुकी है़