विरोध. निजी नर्सिंग होम, क्लिनिक रहे बंद, जीओपीडी सेवा भी रही ठप
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भटकते रहे मरीज व परिजन
विरोध. निजी नर्सिंग होम, क्लिनिक रहे बंद, जीओपीडी सेवा भी रही ठप मोतिहारी के चिकित्सक की हत्या के विरोध में शनिवार को शहर के सभी निजी नर्सिंग होम एवं क्लिनिक बंद रहे. इस दौरान सदर अस्पताल में भी जीओपीडी सेवा पूरी तरह ठप रहने से मरीज व उनके परिजन परेशान रहे. मुंगेर : मोतिहारी के […]
मोतिहारी के चिकित्सक की हत्या के विरोध में शनिवार को शहर के सभी निजी नर्सिंग होम एवं क्लिनिक बंद रहे. इस दौरान सदर अस्पताल में भी जीओपीडी सेवा पूरी तरह ठप रहने से मरीज व उनके परिजन परेशान रहे.
मुंगेर : मोतिहारी के चिकित्सक डॉ एसबी सिंह की हत्या के विरोध में आइएमए के आह्वान पर शनिवार को शहर के सभी निजी नर्सिंग होम एवं क्लिनिक बंद रहे. सदर अस्पताल में भी जीओपीडी सेवा पूरी तरह ठप रही. इसके कारण मरीजों एवं उनके परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. सैकड़ों की संख्या में मरीजों को बिना इलाज कराये ही लौटना पड़ा. चिकित्सकों पर हो रहे लगातार आपराधिक हमलों को लेकर चिकित्सक काफी आक्रोशित हैं. चिकित्सकों को समुचित सुरक्षा मुहैया कराने के लिए मुंगेर में चिकित्सक एक दिवसीय हड़ताल पर रहे.
आइएमए मुंगेर के अध्यक्ष डॉ एके अग्रवाल एवं सचिव डॉ संजीव कुमार ने कहा कि आज चिकित्सकों की सुरक्षा भगवान भरोसे है. चिकित्सक अपराधियों के निशाने पर हैं. चिकित्सक से लगातार रंगदारी की मांग की जा रही है और नहीं देने पर चिकित्सक की हत्या कर दी जा रही है. चिकित्सक का अपहरण भी हो रहा है, लेकिन सरकार चिकित्सकों की सुरक्षा देने की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं कर रही. अपनी सुरक्षा नहीं होने के कारण चिकित्सक काफी दहशत में हैं. चिकित्सकों ने डॉ एसबी सिंह के हत्यारों की गिरफ्तारी, स्पीडी ट्रायल, मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी एवं 25 लाख रुपया मुआवजा देने की मांग की.
दिन भर लटका रहा ताला
हड़ताल के कारण शहर के सभी निजी क्लनिक बंद रहे. क्लिनिक बंद रहने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. दर्जनों मरीज अपना-अपना इलाज कराने के लिए क्लिनिक पहुंचे, लेकिन क्लिनिक में ताले लटके रहने के कारण वे बिना इलाज के लौट गये. दूर-दराज से आये मरीज एवं परिजनों को शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा.
सदर अस्पताल में इमरजेंसी सेवा थी चालू
हड़ताल का असर मुंगेर सदर अस्पताल में भी दिखा. निजी नर्सिंग होम व क्लिनिक बंद रहने के कारण मरीजों का दबाव सदर अस्पताल में बढ़ गया, लेकिन सदर अस्पताल में भी जीओपीडी सेवा ठप होने के कारण मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. हालांकि इमरजेंसी सेवा चालू रहने के कारण मरीजों का इलाज होता रहा, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज के लिए पहुंचे मरीज सदर अस्पताल से भी बिना इलाज के ही लौटे.
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