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आश्रम से हर आंगन तक होगा योग

योग नगरी. मुंगेर पूरी दुनिया को देगा यौगिक जीवन का संदेश द्वितीय अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग नगरी मुंगेर से पूरी दुनिया को लोगों के व्यवहार में योग को कैसे शामिल किया जाय इसका संदेश देगा. योग के गुरु स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने यह घोषणा की थी कि योग विश्व की भावी संस्कृति […]

योग नगरी. मुंगेर पूरी दुनिया को देगा यौगिक जीवन का संदेश

द्वितीय अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग नगरी मुंगेर से पूरी दुनिया को लोगों के व्यवहार में योग को कैसे शामिल किया जाय इसका संदेश देगा. योग के गुरु स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने यह घोषणा की थी कि योग विश्व की भावी संस्कृति बनेगी. उनकी वाणी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग को मान्यता मिलने के बाद सत्य प्रतीत हो रही है.
मुंगेर : योग के प्रचार का समय अब खत्म हो गया. लोगों के व्यवहार में योग को कैसे शामिल किया जाय इसका संदेश द्वितीय अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग नगरी मुंगेर से पूरी दुनिया को दिया जायेगा. योग के क्षेत्र में अन्य जगहों से मुंगेर का अलग स्थान है. इसी धरती पर योग के गुरु स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने यह घोषणा की थी कि योग विश्व की भावी संस्कृति बनेगी. उनकी वाणी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग को मान्यता मिलने के बाद बिल्कुल सत्य प्रतीत होती है. अब योग को सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के संदर्भ में नहीं देखा जा रहा. बल्कि लोगों के व्यावहारिक जीवन में योग किस रूप में शामिल हो सकता है उस दिशा में समाज अग्रसर है.
बिहार योग विद्यालय के वरिष्ठ संन्यासी स्वामी शंकरानंद का कहना है कि अब एटीच्यूडनल योगा की आवश्यकता है. वैज्ञानिक कसौटी पर योग की उपादेयता सिद्ध होने के बाद व्यवहार में अमल में लाये जाने की पहल की जा रही है. जहां तक योग का सवाल है आध्यात्मिक विकास और रूपांतरण कालजयी विद्या मानव कल्याण के लिए सदियों से ऋषिमुनियों द्वारा परिस्कृत और विकसित होती जा रही है. यही भारतीय आध्यात्मिक विरासत है.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की मुंगेर में खासियत रहेगी कि आयुष मंत्रालय ने अपने कार्यक्रम से जहां सूर्य नमस्कार को हटा लिया है. वहीं मुंगेर के सत्यानंद योग परंपरा में यहां के लोग और बाल मित्र मंडली के बच्चे सारे विवादों से परे होकर सूर्य नमस्कार का भी अभ्यास करेंगे. साथ ही मन की प्रसन्नता और दूसरों का अभिवादन का भी संकल्प लेंगे. दूसरों के अभिवादन से व्यक्ति के अंदर नमन और नम्रता दोनों का भाव उत्पन्न होता है तथा उग्रता का समन होता है.
इसलिए इस संकल्प को निरंतर जारी रखने की प्रक्रिया का भी संदेश दिया जायेगा. योग कार्यक्रम के तहत लोग बिहार योग विद्यालय के पादुका दर्शन के साथ-साथ अपने घर या सामुदायिक केंद्र की छत, बरामदे, आंगन या खुली जगह में सामूहिक रूप से योग करेंगे. इसके अंतर्गत सवासन, कायास्थैरियम, शांति मंत्र, तरासन, तीर्यक तरासन, कटि चक्रासन, सूर्य नमस्कार, नारी शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, सवासन, अंतर तराटक और यम-नियम का अभ्यास करेंगे. एक ओर इस कार्यक्रम को लेकर जहां पादुका दर्शन में व्यापक तैयारियां की गयी है. वहीं योग विद्यालय द्वारा अनेक जगहों पर प्रशिक्षित शिक्षकों को भेजा गया है.
वहीं दूसरी ओर भारत स्वाभिमान ट्रस्ट की ओर से बीआरएम कॉलेज, केसी सुरेंद्र बाबू पार्क, भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी, नंदकुमार उच्च विद्यालय में भी योग शिविर आयोजित किये जा रहे. इसके अतिरिक्त विभिन्न महाविद्यालयों में एनएसएस की ओर से भी योग शिविर होंगे. इन शिविरों के बावजूद पूरी दुनिया की दृष्टि मुंगेर पर रहेगी कि मुंगेर में योग का कौन सा संदेश पूरी दुनिया को दिया जा रहा है.

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