मुंगेर : वासंतिक नवरात्र के तरह चैती छठ को लेकर भी श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा गया. मंगलवार को शाम चार बजे से ही व्रती छठ घाटों पर पहुंचने लगे. श्रद्धालु अपने माथे पर छठ के लिए भरी गयी सूप व डलिया लिये घाट पर पहुंचे. वहीं महिलाओं के समूह से निकल रही छठ व्रत की गीत ” कांचहि बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय ”
से व्रतियों का उत्साह काफी बढ़ रहा था. कई व्रती तो दंड देते हुए ही छठ घाट तक पहुंच गये. जैसे ही भगवान भास्कर अपनी किरणों को समेटते हुए लालिमा छोड़ने लगे, कि तभी व्रती व अन्य श्रद्धालु उन्हें अर्घ्य दान करना शुरू कर दिया. बुधवार को श्रद्धालु उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे. जिसके बाद चैती छठ का व्रत का निस्तार हो जायेगा. तभी व्रती अन्न व जल ग्रहण कर सकेंगे.