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सरकारी तंत्र की उदासीनता से हुई शक्षिकिा की मौत : शक्षिक संघ

सरकारी तंत्र की उदासीनता से हुई शिक्षिका की मौत : शिक्षक संघ वेतन आवंटन के बावजूद नहीं मिला वेतनफोटो संख्या : 16फोटो कैप्सन : मृत शिक्षिका प्रतिनिधि , मुंगेर शहर के दिलावरपुर निवासी एवं मध्य विद्यालय मुढ़ेरी हवेली खड़गपुर की शिक्षिका रोहिणी कुमारी की मौत प्रसव के दौरान बुधवार को हो गयी. शिक्षिका की मौत […]

सरकारी तंत्र की उदासीनता से हुई शिक्षिका की मौत : शिक्षक संघ वेतन आवंटन के बावजूद नहीं मिला वेतनफोटो संख्या : 16फोटो कैप्सन : मृत शिक्षिका प्रतिनिधि , मुंगेर शहर के दिलावरपुर निवासी एवं मध्य विद्यालय मुढ़ेरी हवेली खड़गपुर की शिक्षिका रोहिणी कुमारी की मौत प्रसव के दौरान बुधवार को हो गयी. शिक्षिका की मौत के बाद शिक्षक संघ के नेताओं में रोष व्याप्त है. किसी ने मौत का कारण सरकारी उदासीनता बताया तो किसी ने इसके लिए जिम्मेवार पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की. क्योंकि शिक्षिका को पिछले छह से माह से वेतन नहीं मिला था और वे आर्थिक तंगी से जूझ रही थी. बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश सचिव आनंद कौशल सिंह, जिला सचिव राम नंदन कुमार के नेतृत्व में दस सदस्यीय टीम मृतक शिक्षिका के घर पहुंच शोक संवेदना व्यक्त किया. शिक्षक नेताओं ने कहा कि वेतन मद में राशि उपलब्ध रहने के बावजूद नियोजित शिक्षिका को समय पर वेतन का भुगतान नहीं किया गया. इसे विभाग के पदाधिकारी ने अनिवार्यता नहीं समझा. शिक्षिका गर्भवती थी और पैसों के अभाव में न तो पौष्टिक आहार का सेवन कर पायी और न ही समुचित इलाज करवा पायी. प्रसव के दौरान उनकी मौत हो गयी. मृत शिक्षिका का साढे तीन साल का बेटा भी हृदय रोग से पीडि़त है. बावजूद वह 7 जनवरी तक विद्यालय में कर्तव्य पर बनी रही. लेकिन विभाग के अधिकारी ने मानवता नहीं दिखाया. अगर बकाये 6 माह का वेतन मिल जाता तो ऐसी नौबत नहीं आती. उन्होंने मांग किया कि मृत शिक्षिका के आश्रित को अनुकंपा के आधार नौकरी के साथ ही 20 लाख रुपये मुआवजा दिया जाय. इतना ही नहीं उच्चस्तरीय जांच कर दोषी पदाधिकारी पर कानूनी कार्रवाई भी की जाय. इधर नियोजित शिक्षकों द्वारा एक शोक सभा का आयोजन किया गया. उपस्थित शिक्षकों ने दो मिनट का मौन रख कर मृत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. पंकज रंजन, अजय कुमार पांडे, सिकंदर भगत, प्रणव कुमार उपाध्याय, बाबुली कुमारी ने बताया कि एक तरफ जहां सरकारी तंत्र नियोजित शिक्षकों के बूते गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए काफी सजगता के साथ प्रयासरत है, वहीं उसके मुख्य घटक शिक्षकों के प्रति उपेक्षा एवं उदासीन रवैया के कारण सरकारी मंशा को पूर्ण होने में संशय दिखाता है. अल्प वेतन में भी नियोजित शिक्षक अपने कर्तव्य का पालन करते आ रहे है. लेकिन दूसरी ओर वेतन के अभाव में शिक्षिका की मौत हो गयी. पंकज राज, अजय कुमार पांडे, सिकंदर भगत, प्रणव कुमार उपाध्याय, बाबुली कुमारी ने बताया कि विभाग से मृत शिक्षिका के परिवार को तत्काल सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की.

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