डीआइजी शिवेश्वर शुक्ला सेवानिवृत्त, नहीं मिला अबतक किसी को प्रभार
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बिना प्रभार में ही चल रहा मुंगेर के डीआइजी का पद
डीआइजी शिवेश्वर शुक्ला सेवानिवृत्त, नहीं मिला अबतक किसी को प्रभार मुंगेर : मुंगेर रेंज के डीआइजी शिवेश्वर प्रसाद शुक्ला 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो गये. किंतु अबतक राज्य सरकार द्वारा न तो इस पद पर किसी अधिकारी की पदस्थापना की गयी है और न ही इसका प्रभार किन्हीं को मिला है. फलत: अपराधग्रस्त व नक्सल […]
मुंगेर : मुंगेर रेंज के डीआइजी शिवेश्वर प्रसाद शुक्ला 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो गये. किंतु अबतक राज्य सरकार द्वारा न तो इस पद पर किसी अधिकारी की पदस्थापना की गयी है और न ही इसका प्रभार किन्हीं को मिला है. फलत: अपराधग्रस्त व नक्सल प्रभावित मुंगेर प्रमंडल बिना डीआइजी के ही चल रहा है.
यहां तक कि डाक देखने वाले भी कोई अधिकारी नहीं है. मुंगेर रेंज में मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, खगडि़या एवं बेगूसराय जिले आते हैं. अपराध के दृष्टिकोण से ये सारे जिले अतिसंवेदनशील हैं. साथ ही मुंगेर, लखीसराय एवं जमुई पूरी तरह से नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. बावजूद राज्य सरकार द्वारा अबतक किसी डीआइजी व वरीय एसपी को इसका प्रभार तक नहीं दिया गया है.
नहीं है डीएसपी एडमिन
पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्यालय में एक डीएसपी एडमिन का पद सृजित है. लेकिन यह पद भी मुंगेर में वर्षों से रिक्त पड़ा हुआ है. जब यहां के डीआइजी सुधांशु कुमार थे तो पुलिस मुख्यालय द्वारा एक डीएसपी गोपाल जी प्रसाद को यहां प्रतिनियुक्त किया गया था. लेकिन दुर्भाग्य यह हुआ कि योगदान से पहले ही वे लकवा रोग के शिकार हो गये. जिसके कारण वे यहां योगदान भी नहीं कर पाये और बिना योगदान के ही वे मुंगेर रेंज से 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो गये.
रिक्त चल रहा डीआइजी पोस्ट
मुंगेर रेंज के डीआइजी शिवेश्वर शुक्ला 31 दिसंबर 2015 को सेवानिवृत्त हो गये. हमेशा से यह प्रावधान रहा है कि डीआइजी के नहीं रहने पर भागलपुर डीआइजी प्रभार में रहेंगे अन्यथा मुंगेर जिला के जो एसपी रहेंगे वे डीआइजी के प्रभार में रह कर कार्य का निष्पादन करेंगे. परंतु शिवेश्वर शुक्ला के निष्पादन के बाद न तो प्रभार डीआइजी भागलपुर को दिया गया और न ही मुंगेर एसपी को किसी प्रकार का आदेश कार्य निष्पादन के लिए दिया गया.
यही कारण है कि जब डीआइजी कार्यालय से कुछ कागजात मुंगेर एसपी के पास भेजा गया तो उन्होंने सीधे कहा कि मुख्यालय से अथवा आइजी भागलपुर से किसी प्रकार का निर्देश नहीं है. इसलिए वे किस प्रकार इन डाकों का निष्पादन नहीं कर सकते है. जिसके कारण डीआइजी कार्यालय के हालात ऐसी हो गयी है कि यहां डाक देखने वाला भी कोई अधिकारी नहीं है.
हतप्रभ है पुलिस महकमा
इस पूरी स्थिति से पुलिस महकमा हतप्रभ है कि सरकार का यह कैसा फैसला है. अवकाश ग्रहण करने के बाद या तो किसी को प्रभार दिया जाता है या फिर किसी की प्रतिनियुक्ति की जाती. पुलिस विभाग की अधिकारियों की माने तो आजतक के पुलिस विभाग के इतिहास में ऐसा नहीं हुआ था कि बिना प्रभार के यह पद रहा. एक थाना के थानाध्यक्ष भी जब छुट्टी पर जाते है तो किसी न किसी को प्रभार देकर जाते है.
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