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मजहब से मिलती है तहजीब व अदब

मजहब से मिलती है तहजीब व अदब प्रतिनिधि , मुंगेर शहर के जामा मस्जिद स्थित मदरसा में पढ़ रहे बच्चों के कुरआन शरीफ का आखिरी अध्याय याद करने पर एक शालीन समारोह का आयोजन किया गया. उसकी अध्यक्षता मौलाना अब्दुल्ला बुखारी ने की. उन्होंने कहा कि मजहब के ज्ञान से बच्चों में सांस्कृतिक चेतना और […]

मजहब से मिलती है तहजीब व अदब प्रतिनिधि , मुंगेर शहर के जामा मस्जिद स्थित मदरसा में पढ़ रहे बच्चों के कुरआन शरीफ का आखिरी अध्याय याद करने पर एक शालीन समारोह का आयोजन किया गया. उसकी अध्यक्षता मौलाना अब्दुल्ला बुखारी ने की. उन्होंने कहा कि मजहब के ज्ञान से बच्चों में सांस्कृतिक चेतना और अदब की भावना पैदा होती है. मजहब से ही तहजीब व अदब मिलती है. प्रधान मौलाना मुफ्ती अता उल्लाह बुखारी ने कहा कि पाक ग्रंथ कुरआन शरीफ के आयतों और हिदायतों पर अमल करने से न सिर्फ जिंदगी खुशी से लबरेज होती है. बल्कि उसके लिए जन्नत का दरवाजा भी खुल जाता है. मो. शहजाद ने कहा कि किसी भी यतीम बच्चे को हिकारत भरी नजरों से नहीं देखना चाहिए. एहतेशाम आलम ने सच्चे हाफिज के सामने बड़ी-बड़ी हस्ती के वजूद को छोटा बताया. मौलाना फौजान रसीदी के तिलावत से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ. मदरसा तजविदुल कुरान में इकबाल अहमद इकबाल, शाल आलम, सैय्यद गुलाम हुसैन, मुर्तुजा सबा, हाफिज अताउर रहमान, मदरसा अशरफुल उलूम पड़हम के नाजिम, हाफिज बरकत बख्शी मो. परवेज, तनवीर, मो. साजिद ने भी मजहब और जिंदगी के उसूलों पर चर्चा की. मो. मेहराज, जैनुल और साजिद ने नात गाया.

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