सात दिवसीय भागवत कथा श्रृंगारी पूजा के साथ संपन्न प्रतिनिधि, बरियारपुर ईटहरी पंचायत में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा का समापन सोमवार को श्रृंगारी पूजा के साथ हुआ. समापन के मौके पर प्रवचनकर्ता बबलू पांडेय जी महाराज ने कहा कि सत्कर्म मानव का सबसे बड़ा धर्म है. इसके तहत उत्तम कार्य आते हैं. उन्होंने कहा कि मानव ज्ञान के अभाव मंे सत्कर्म भूल जाता है और धर्मच्युत भी हो जाता है. श्रीराम का जन्म अतातायियों के नाश, जगत कल्याण व सदज्ञान के लिए हुआ. भगवान श्रीराम की दयालुता भक्तों को सुख देने के लिए थी. श्रीराम ने मानव को शिक्षा दी कि प्रात:काल उठ कर माता-पिता व गुरु के पैर छूक आशीर्वाद लेने से आयु, विद्या, यश व बल की प्राप्ति होती है. समापन के दौरान पंडित रवींद्र पांडेय, शंकर पांडेय, कमलाकांत पांडेय ने भगवान भोलेनाथ की श्रृंगारी पूजा करायी. साथ ही देवी-देवताओं का हवन-पूजन व आरती के साथ विसर्जन किया गया. मौके पर आचार्य उमाशंकर सिंह, रजनी देवी, अनुपम आनंद, सुमन सौरभ, निगम कुमार, मुनटुन सिंह, रीतेश कुमार, बांके बिहारी सिंह, दीपा सिंह सहित सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे.
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सात दिवसीय भागवत कथा श्रृंगारी पूजा के साथ संपन्न
सात दिवसीय भागवत कथा श्रृंगारी पूजा के साथ संपन्न प्रतिनिधि, बरियारपुर ईटहरी पंचायत में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा का समापन सोमवार को श्रृंगारी पूजा के साथ हुआ. समापन के मौके पर प्रवचनकर्ता बबलू पांडेय जी महाराज ने कहा कि सत्कर्म मानव का सबसे बड़ा धर्म है. इसके तहत उत्तम कार्य आते हैं. उन्होंने कहा […]
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