नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षाविदों ने की बैठक प्रतिनिधि, तारापुर रिसर्च स्कॉलर एवं पीएचडी उपाधि प्राप्त शिक्षाविदों की एक बैठक शुक्रवार को तारापुर के रामस्वारथ कॉलेज स्थित मनोविज्ञान विभाग के प्रो. डॉ प्रशांत सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में बिहार लोक सेवा आयोग पटना द्वारा सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के बिंदुओं पर चर्चा की गयी. मुख्य अतिथि के रूप में डॉ अजीत कुमार ठाकुर मुख्य रूप से मौजूद थे. शिक्षाविदों ने कहा कि प्रोफेसर पद के लिए यूजीसी 2009 के तहत पीएचडी एवं नेट करने वालों को ही वरीयता दिया जा रहा है. जिन्होंने अपना आवेदन 2000 पूर्व से 2014 तक पीएचडी पूर्ण किया है वैसे शिक्षाविदों को सहायक प्रोफेसर के पद पर नियुक्त किया जाय. नेट वालों ने भी सहायक प्रोफेसर के लिए आवेदन जमा किया है. साथ ही पटना विश्वविद्यालय में 2012 तक उक्त नियम को लागू किया है और शेष विश्वविद्यालयों में 2014 में लागू किया गया है. इस बात पर चिंता व्यक्त की गयी. बिहार में बीपीएससी, इंजीनियरिंग विभाग में उक्त नियम से बहाली नहीं की गयी है. बल्कि उसमें अनुभव, आर्टिकल्स, कॉन्फ्रेंस एवं सेमिनार को मानक माना गया है. लेकिन वर्तमान में अंगीभूत कॉलेजों में सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति में मानक को माना गया था. बैठक में डॉ अनुज रानी, डॉ व्रदराज, डॉ सुकांत शेखर, जाकिया तसनीम, डॉ मनोज विद्यार्थी, डॉ कुमुद राव, डॉ आर कुमारी मुख्य रूप से मौजूद थी.
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नियुक्ति की मांग को लेकर शक्षिाविदों ने की बैठक
नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षाविदों ने की बैठक प्रतिनिधि, तारापुर रिसर्च स्कॉलर एवं पीएचडी उपाधि प्राप्त शिक्षाविदों की एक बैठक शुक्रवार को तारापुर के रामस्वारथ कॉलेज स्थित मनोविज्ञान विभाग के प्रो. डॉ प्रशांत सिंह की अध्यक्षता में हुई. बैठक में बिहार लोक सेवा आयोग पटना द्वारा सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के बिंदुओं पर चर्चा […]
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