मुंगेर : भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल द्वारा संचालित ‘ स्वच्छ गंगा अभियान -2015 ‘ के अभियान दल के सम्मान में गुरुवार को सोझी घाट गंगा तट पर अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया.
आइटीबीपी के क्षेत्रीय मुख्यालय पटना द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार स्कूल ऑफ योगा के स्वामी ज्ञान भिक्षु मुख्य अतिथि एवं पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा विशिष्ट अतिथि व आइटीबीपी के महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) पद्मश्री हरभजन सिंह मुख्य रुप में मौजूद थे.
स्वच्छ गंगा अभियान दल के नेतृत्वकर्ता कमांडेंट सुरेंद्र खत्री ने बताया कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल भारत वर्ष की उत्तरी सीमाओं की सुरक्षा के साथ-साथ आंतरिक सुरक्षा से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण कार्य का निर्वहन भी कर रहा है. हमारे जवान स्कीईग, पर्वतारोहण तथा रिवर राफ्टिंग जैसे साहसिक व रोमांचक खेलों में भी अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं.
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा नमामि गंगे व स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर इस बल के जांबाज जवानों द्वारा देव प्रयाग से गंगा सागर तक एक गंगा रिवर राफ्टिंग अभियान की संकल्पना की गयी है जो गंगा नदी में लगभग 2350 किलो मीटर की दूरी तीन माह में तय करेगी. 2 अक्तूबर को देवप्रयाग से यह दल रवाना हुआ जो 16 नवंबर को मुंगेर पहुंचा.
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ गंगा संबंधी जागरूकता जन-जन तक फैलाना तथा गंगा को पॉलीथिन मुक्त करना है. स्वामी ज्ञान भिक्षु ने कहा कि गंगा हमारी मां है, यह हमारी संस्कृति और सभ्यता से जुड़ी है. इसे स्वच्छ रखना हमारा धर्म व कर्तव्य है.
उन्होंने उपस्थित जन समूह एवं स्कूली बच्चों से आह्वान किया कि वे गंगा सहित सभी नदियों तथा पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहें. साथ ही उन्होंने भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के इस अभियान की सराहना भी की.
पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि गंगा को स्वच्छ बनाये रखना हम सभी का दायित्व है. नदियों के किनारे हमारी सभ्यता और संस्कृति विकसित हुई. इसकी महत्ता को लेते हुए छठ के दिन गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित किया गया.
बावजूद इसे गंदा करने में नहीं चूकते हैं. इसलिए जरूरी है कि सभी लोग गंगा के स्वच्छता के संदर्भ में अपने दायित्वों को निभायें. मौके पर पूर्व में बच्चों के बीच आयोजित की गयी चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर नगर आयुक्त प्रभात कुमार सिन्हा, वाइपी सिंह मुख्य रूप से मौजूद थे.