बरियारपुर : प्रखंड के घोरघट निवासी 106 वर्षीय बोढ़न पासवान की मौत हो गयी. उन्होंने 1934 में गांधी को लाठी प्रदान किया था. उनकी मृत्यु से पूरे क्षेत्र में शोक व्याप्त है. वे अपने पीछे तीन पुत्र और तीन पुत्री का भरा पुरा परिवार छोड़ गये. कहा जाता है कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जब सन 1934 में महात्मा गांधी यात्रा के दौरान घोरघट आये थे तो बोढ़न पासवान ने उन्हें लाठी प्रदान की थी.
जिसके बाद घोरघट गांव को काफी प्रसिद्धि मिली और आजादी के बाद गांव में इसकी चर्चा होती रही. बोढ़न पासवान एवं गांधी के बीच संबंध बनाते हुए प्रत्येक साल ‘ घोरघट की लाठी महोत्सव ‘ के नाम पर कार्यक्रम मनाया जाता है. इतना ही नहीं इसी घोरघट की लाठी महोत्सव के नाम से डाक विभाग द्वारा एक डाक टिकट वर्ष 2014 में जारी किया गया था.
जब गांधी जी को लाठी देने वाले बोढ़न पासवान की मौत की खबर लोगों तक पहुंची तो लोग शोकाकुल हो गये. उनके पार्थिव शरीर का दर्शन करने के लिए उनके घर पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.