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फ्लॉप रहा वेतनमान नर्धिारण शिविर, नियोजित शक्षिक रहे परेशान

मुंगेर : नियोजित शिक्षकों के वेतनमान में वेतन निर्धारण के लिए गुरुवार को मुंगेर सदर अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों में लगाया गया शिविर पूरी तरह फ्लॉप रहा. कहीं पंचायत सचिव मौजूद नहीं थे तो कहीं बीडीओ साहब भी अनुपस्थित रहे. जिसके कारण नियोजित शिक्षकों के सेवा पुस्तिका को तैयार करने में अफरा-तफरा मची रही और […]

मुंगेर : नियोजित शिक्षकों के वेतनमान में वेतन निर्धारण के लिए गुरुवार को मुंगेर सदर अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों में लगाया गया शिविर पूरी तरह फ्लॉप रहा. कहीं पंचायत सचिव मौजूद नहीं थे तो कहीं बीडीओ साहब भी अनुपस्थित रहे. जिसके कारण नियोजित शिक्षकों के सेवा पुस्तिका को तैयार करने में अफरा-तफरा मची रही और वेतनमान का निर्धारण भी नहीं हो पाया.

जिला शिक्षा पदाधिकारी केके शर्मा ने गुरुवार को मुंगेर सदर अनुमंडल के मुंगेर नगर व मुफस्सिल, जमालपुर, बरियारपुर व धरहरा प्रखंड में शिविर आयोजित कर वेतनमान के निर्धारण का निर्देश दिया था. इसके लिए सभी प्रखंडों में स्थित प्रखंड संसाधन केंद्र में एक साथ नियोजित शिक्षकों के वेतनमान का निर्धारण होना था.

किंतु पहला दिन ही यह शिविर पूरी तरह फ्लॉप रहा. शिक्षा विभाग व प्रखंड विकास पदाधिकारी के बीच आपसी सामंजस्य नहीं होने के कारण शिक्षकों को सेवा पुस्तिका तैयार कराने में काफी विलंब हो रहा है. जिसके कारण नियोजित शिक्षकों को पिछले चार महीने से वेतन भी नहीं मिल पा रहा. गुरुवार को दिन के 12 बजे मुफस्सिल स्थित बीआरसी के ऊपरी तल पर एक कमरे में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कमलेश राम कुरसी पर बैठे हुए थे. उनके सामने खड़े नियोजित शिक्षक से उनकी नोक-झोंक हो रही थी.

कारण यह था कि शिविर में न तो बीडीओ मौजूद थे और न ही मुफस्सिल क्षेत्र के एक भी पंचायत सचिव. जबकि दोनों को ही शिविर में मौजूद रहना अनिवार्य था. क्योंकि प्रखंड शिक्षक के सेवा पुस्तिका पर बीडीओ को सत्यापन करना है तथा पंचायत शिक्षक के सेवा पुस्तिका पर पंचायत सचिव का सत्यापन जरूरी है. मालूम हो कि मुफस्सिल में कुल 362 नियोजित शिक्षकों के सेवा पुस्तिका का संधारण किया जाना है जिसके बाद शिक्षकों को वेतनमान का लाभ मिल पायेगा.

इस संदर्भ में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कमलेश राम ने बताया कि अब तक 27 शिक्षकों की सेवा पुस्तिका जमा हो चुकी है. जिसे वेतन निर्धारण के लिए जिला भेजा जा रहा है. वहां पर मौजूद शिक्षक धनंजय कुमार चौधरी, सुनील कुमार, मुकुंद बिहारी व अनिता कुमारी ने बताया कि वे लोग कुतलुपुर पंचायत से आये हैं. किंतु यहां शिविर में पंचायत सचिव मौजूद ही नहीं हैं.

उन्हें जब फोन करते हैं, तो फोन ही रिसिव नहीं कर रहे हैं. ऐसे में शिविर का क्या मतलब रह जाता है. कई प्रखंड शिक्षकों का आरोप था कि उन्हें सेवा पुस्तिका लेकर प्रखंड कार्यालय बुलाया जा रहा है. जहां सेवा पुस्तिका खोलने के नाम पर बिचौलिये द्वारा अवैध राशि की मांग की जाती है. कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारीजिला शिक्षा पदाधिकारी केके शर्मा ने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी व पंचायत सचिव द्वारा शिक्षा विभाग को सहयोग नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण शिक्षकों के वेतन निर्धारण में देरी हो रही है. इस संबंध में वे जिलाधिकारी से शिकायत करेंगे.

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