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दो मिनी गन फैक्टरी का उद्भेदन, एक धराया

नक्सलियों को होती थी हथियार की आपूर्ति आरोपी पर लगा गया यूपीए एक्ट तारापुर : तारापुर थाना क्षेत्र के रामपुर गांव में पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों ने बुधवार को छापेमारी कर अंडर ग्राउंड भवन में संचालित दो मिनी गन फैक्टरी का उद्भेदन किया. जबकि हथियार बनाते हुए मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरदह गांव निवासी मो. […]

नक्सलियों को होती थी हथियार की आपूर्ति आरोपी पर लगा गया यूपीए एक्ट

तारापुर : तारापुर थाना क्षेत्र के रामपुर गांव में पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों ने बुधवार को छापेमारी कर अंडर ग्राउंड भवन में संचालित दो मिनी गन फैक्टरी का उद्भेदन किया.

जबकि हथियार बनाते हुए मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरदह गांव निवासी मो. रिंकु को रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने इस मामले में पांच पिस्टल सहित हथियार बनाने के उपकरण बरामद की है.

पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर रामपुर विषय पंचायत के रामपुर गांव निवासी मो. अख्तर के घर छापेमारी की गयी.

उसके घर के तहखाने में मिनी गन फैक्टरी का संचालन किया जा रहा था. थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार, सीआरपीएफ अलफा कंपनी 183 के जवान एवं ऐढोप 308 बटालियन के कमांडेंट एके ध्यानी के नेतृत्व में बनायी गयी टीम द्वारा छापेमारी की गयी. तहखाने में सायरन लगा हुआ था. जब पुलिस तहखाने में प्रवेश करना चाहा तो सायरन बज उठा.

जिसका लाइन काटा गया और तहखाने में छापेमारी की गयी. जहां से दो मिनी गन फैक्टरी का उद्भेदन किया गया. छापेमारी के दौरान बरदह गांव निवासी मो. जसीम के पुत्र मो. रिंकु को गिरफ्तार किया गया. जबकि मकान मालिक मो. अख्तर एवं कारीगर मो. सोनू भागने में सफल रहा. छापेमारी में 5 निर्मित नाइन एमएम पिस्टल, 3 अर्धनिर्मित नाइन एमएम का पिस्टल, बेस मशीन, डाय, मैगजीन स्प्रिंग, गोल, रेती, ड्रील, 22 मैगजीन, ड्रील मशीन सहित हथियार बनाने के उपकरण बरामद किये गये.

उन्होंने बताया कि बरदह के हथियार निर्माता जगह-जगह जाकर हथियार बनाने का काम कर रहा है. मो. अख्तर हथियार का निर्माण कर नक्सलियों को सफ्लाई करता था. एसपी ने बताया कि इस मामले में यह बात भी सामने आयी है कि हथियार का निर्माण विधानसभा चुनाव के मद्देनजर किया जा रहा था. उन्होंने बताया कि आरोपी पर यूपीए एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है.

32 भवनों में चल रहे 67 विद्यालय

प्राथमिक शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए भले ही सरकारी स्तर पर पोशाक, छात्रवृत्ति व मध्याह्न भोजन जैसी योजनाएं चल रही हैं. लेकिन हाल यह है कि मुंगेर शहरी क्षेत्र में 35 सरकारी विद्यालय भवनहीन हैं. 32 भवनों में 67 विद्यालयों का संचालन किया जा रहा. इनमें कई विद्यालय मंदिर व मसजिद परिसर में भी चल रहे हैं.

प्रतिनिधि, मुंगेर

प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने एवं बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए जिले में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च हो रहे. लेकिन स्थिति यह है कि नगर निगम क्षेत्र में लगभग ढ़ाई दर्जन विद्यालय दूसरे विद्यालय के भवन में चल रहा है. फलत: पढ़ाई के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभायी जाती है. एक ही विद्यालय में मॉर्निंग व डे दो शिफ्ट में दो विद्यालयों का संचालन हो रहा है. फलत: बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही. मास्टर साहब सिर्फ अपने ड्यूटी करने से वास्ता रखते हैं.

शहर में 24 मध्य व 43 प्राथमिक विद्यालय : मुंगेर नगर में कुल प्राथमिक विद्यालयों की संख्या 43 एवं मध्य विद्यालय की संख्या 24 है. शहर के मध्य विद्यालय छोटी केलाबाड़ी, कन्या मध्य विद्यालय बड़ी बाजार एवं मध्य विद्यालय रामपुर भिखारी नगर को छोड़ कर सभी मध्य विद्यालयों को अपना भवन उपलब्ध है. किंतु प्राथमिक विद्यालयों में यह आंकड़ा बिल्कुल उल्टा है. शहर में कुल 12 प्राथमिक विद्यालयों को छोड़ कर बांकी 31 प्राथमिक विद्यालयों को अपना भवन नहीं है.

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