दुर्भाग्य यह है कि मुंगेर नगर निगम क्षेत्र का अड़गरा पिछले दो दशक से बंद है और इसके जमीन पर रसूख वाले लोगों ने कब्जा कर रखा है. शहर के नगर भवन, गुलजार पोखर, नीलम रोड, बेकापुर, कौड़ा मैदान, बड़ी बाजार, आजाद चौक, पूरबसराय सहित दर्जनों स्थानों पर पशुओं को विचरण करते देखा जा सकता है. वहीं किला परिसर स्थित पोलो ग्राउंड भी इससे अछूता नहीं है. ये पशु शहर में लगे कूड़े-कचरे के ढेर पर अपने भोजन की तलाश करते रहते हैं.
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आवारा पशुओं का चारागाह बना मुंगेर शहर
मुंगेर: मुंगेर शहर इन दिनों आवारा पशुओं का चारागाह बन गया है. प्रत्येक चौक-चौराहों पर पशुओं का विचरण करना और बीच सड़क पर ढ़ीठ की तरह खड़ा रहना एक नियति बन गयी है. कभी कभार तो सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और लोग जानवरों के शिकार भी होते हैं. दुर्भाग्य यह […]
मुंगेर: मुंगेर शहर इन दिनों आवारा पशुओं का चारागाह बन गया है. प्रत्येक चौक-चौराहों पर पशुओं का विचरण करना और बीच सड़क पर ढ़ीठ की तरह खड़ा रहना एक नियति बन गयी है. कभी कभार तो सड़क पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है और लोग जानवरों के शिकार भी होते हैं.
लगता है जाम, राहगीर परेशान : मुंगेर शहर में जाम आम है. कभी छोटे-बड़े वाहनों एवं फल-सब्जी वाले ठेला चालकों द्वारा जाम की स्थिति उत्पन्न की जाती है. वहीं अब आवारा पशुओं भी इससे अछूते नहीं है. हाल यह है कि राहगीर भी पशुओं से परेशान रहते हैं. कभी-कभी साग सब्जी, फल सहित अन्य समान ले जा रहे राहगीर पशु के शिकार होते हैं और कई बार लोग घायल भी हो जाते हैं.
कहते हैं नगर आयुक्त
नगर आयुक्त प्रभात कुमार सिन्हा ने कहा कि शहर में आवारा पशुओं के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. भविष्य में यदि नगर निगम बोर्ड द्वारा कोई निर्णय लिया जाता है तो उस दिशा में कार्रवाई की जायेगी.
दो दशक से बंद है अड़गरा
नगर निगम मुंगेर शायद असुविधाओं का ही नाम बनकर रह गया है. चाहे सफाई, प्याऊ की बात हो या आवारा पशुओं के विचरण की. बताया जाता है कि दशकों पूर्व मुंगेर शहर के लल्लू पोखर एवं बेटवन बाजार के बीच अड़गरा खोला गया था. आज भी यह क्षेत्र अड़गरा रोड के नाम से ही प्रसिद्ध है. किंतु पिछले दो दशक से यह बंद है. पूर्व में इसका संचालन नगरपालिका मुंगेर द्वारा होता था और आज भी यह नगर निगम की ही संपत्ति है. किंतु कुछ रसूख वाले लोगों ने इसके भूमि पर कब्जा कर लिया है.
कहते हैं राहगीर
राहगीर कौशल्या देवी, रीना देवी, राहुल कुमार, अमित कुमार, राजा कुमार सहित अन्य राहगीरों ने बताया कि आवारा पशुओं के रखरखाव के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए. इस तरह बीच सड़क पर भटकना लोगों के परेशानी का कारण है. जानवर को देख कर ही डर लगता है कि वह किस तरह करेंगे. बाजार साख-सब्जी खरीद कर ले जाते हैं.
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