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नगर निगम का स्टॉल: लाखों की उगाही, सुविधाएं नदारद

मुंगेर: नगर निगम क्षेत्र में दर्जन भर ऐसे मार्केट हैं जिससे निगम को प्रतिवर्ष लगभग 8 लाख रुपये राजस्व की प्राप्ति हो रही है. लेकिन इन मार्केट के क्षेत्र में निगम द्वारा कोई सुविधा न तो व्यवसायियों को उपलब्ध करायी जा रही और न ही आम नागरिकों को. निगम के राजा बाजार सहित कई मार्केट […]

मुंगेर: नगर निगम क्षेत्र में दर्जन भर ऐसे मार्केट हैं जिससे निगम को प्रतिवर्ष लगभग 8 लाख रुपये राजस्व की प्राप्ति हो रही है. लेकिन इन मार्केट के क्षेत्र में निगम द्वारा कोई सुविधा न तो व्यवसायियों को उपलब्ध करायी जा रही और न ही आम नागरिकों को. निगम के राजा बाजार सहित कई मार्केट का समुचित विकास नहीं हो पाया.

हाल यह है कि दर्जनों स्टॉल के भवन दरक चुका है और यह खतरनाक भी हो गया है. मुंगेर नगर निगम के आय में वृद्धि के लिए जहां एक ओर जिला प्रशासन ने शहर के बस सह टैक्सी स्टैंड, स्टीमर फेरी सेवा व नगर भवन को निगम को सौंप दिया. ताकि निगम के आय में बढ़ोतरी हो और निगम का कारोबार सुचारु रूप से चल सके. इसी के तहत शहर के दर्जन भर स्थानों पर निगम के अधीन दुकान व स्टॉल बनाये गये. बेरोजगार युवकों को ऐसे स्टॉलों को आवंटित भी किया गया. लेकिन ऐसे मार्केट में निगम द्वारा कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी.

बढ़ा स्टॉल का किराया
नगर निगम ने अपने स्टॉलों के किराये में भारी वृद्धि की है. निगम बोर्ड ने यह तय किया है कि अब प्रति वर्ग फीट 10 रुपये की दर से किराया लिया जायेगा. अर्थात यदि कोई स्टॉल 80 वर्ग स्क्वायर फीट का है तो 800 रुपये प्रतिमाह होगा. जबकि 80 वर्ग स्क्वायर फीट का किराया पूर्व से महज 200-300 रुपये निर्धारित था.
कपरूरी मार्केट में गैराज
शहर के सदर अस्पताल मार्ग में सब्जी व मांस-मछली की बिक्री के लिए कपरूरी मार्केट बनाया गया और उसका आवंटन निगम द्वारा किया गया. लेकिन आज कपरूरी मार्केट के एक बड़े क्षेत्र में गैरेज चल रहा है. इतना ही नहीं भगत सिंह चौक के समीप बने ओमप्रकाश मार्केट को लोगों ने आवासीय परिसर बना लिया है. जिसकी जानकारी निगम व जिला प्रशासन को भी है. किंतु कोई कार्रवाई नहीं हो रही.
मार्केट रिटेल, चल रहा थोक बाजार
नगर निगम के स्टॉलों में भी कई प्रकार की अनियमितता बरती जा रही है. पहला यह कि जिस व्यक्ति ने अपने नाम से स्टॉल का आवंटन लिया था. वह दूसरे को भाड़ा पर लगा दिया है. जबकि एक ही व्यक्ति ने कई स्टॉल ले रखा है. सबसे गड़बड़ स्थिति तो यह है कि खुदरा व्यापार के लिए ही यह स्टॉल आवंटित किया जाता है. लेकिन राजा बाजार में स्टॉल का उपयोग थोक विक्रेता द्वारा किया जा रहा है. जिससे इस मार्केट का उद्देश्य भी पूरा नहीं होता.
निगम प्रशासन ढूंढ़ रहा वेंडर जोन
मुख्य बाजार में ठेला पर सब्जी व फल की बिक्री से सड़क पूरी तरह अतिक्रमित हो गया है और मुख्य सड़कों पर भी चलने में आम लोगों के साथ वाहनों को काफी परेशानी हो रही. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए पिछले दिनों प्रमंडलीय आयुक्त सुनिल कुमार सिंह ने जिले आला प्रशासनिक अधिकारियों एवं नगर निगम प्रशासन के साथ बैठक की. उन्होंने ठेला विक्रेताओं के लिए निगम को वेंडर जोन बनाने के निर्देश दिये. इस दिशा में निगम प्रशासन द्वारा कागजी प्रक्रिया चल रही है.

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